bijli mahadev temple ,kullu , himachal travelogue 2438 मीटर की उंचाई पर है बिजली महादेव का मंदिर । कुल्लू से 20 औश्र मनाली से करीब 50 क...
bijli mahadev temple ,kullu , himachal travelogue
2438 मीटर की उंचाई पर है बिजली महादेव का मंदिर । कुल्लू से 20 औश्र मनाली से करीब 50 किलोमीटर दूर है ये जगह और चनसारी गांव यहां का आखिरी पडाव है ।मंदिर के पास पहुंचकर मैने जूते उतारे और यहां पर लगी एक टंकी पर हाथ धोये । उसके बाद मैने मंदिर में प्रवेश किया । मंदिर के अंदर कोई नही था । बडे आराम से मंदिर का एक एक कोना देखा और फोटो भी लिये । पता नही क्या कारण रहा कि जब मैने अंदर के फोटो लिये तो मैने फलैश आन कर रखी थी और मैने उसका प्रिव्यू भी देखा पर जब मैने घर आकर सारे फोटोज देखे तो शिवलिंग के दोनो फोटो काले थे । खैर कोई बात नही । मंदिर के बाहर पुजारी जी बैठै हुए थे जिन्होने बताया कि बिजली महादेव आज नीचे एक गांव में लगे मेले में गये हैं । मै थोडा कन्फयूज हो गया तब उन्होने बताया कि उनकी चल डोली नीचे गयी है आप चाहो तो वहां भी दर्शन कर सकते हो ।
मैने उनसे पूछा कि मेन लिंगम तो यहीं पर है ना जब उन्होने हां में कहा तो मैने कहा कि अब दूसरी जगह पर दर्शन करना जरूरी नही है
दूसरे चित्र में नंदी की प्रतिमा है जो कि मंदिर के ठीक सामने है । चौथे चित्र में लकडी की एक बहुत उंचा खम्बा है जिसके बारे में कहा जाता है कि हर साल इस खंबे से होकर बिजली गिरती है और शिवलिंग दो भागो में बंट जाता है । इसके बाद यहां का पुजारी स्थानीय गांव से विशेष मक्खन मंगवाता है और उस मक्खन से शिवलिंब को पुन उसी रूप में जोड देता है । जब हमने दर्शन किये तब भी शिवलिंग पर मक्ख्नन लगा हुआ था ।
2438 मीटर की उंचाई पर है बिजली महादेव का मंदिर । कुल्लू से 20 औश्र मनाली से करीब 50 किलोमीटर दूर है ये जगह और चनसारी गांव यहां का आखिरी पडाव है ।मंदिर के पास पहुंचकर मैने जूते उतारे और यहां पर लगी एक टंकी पर हाथ धोये । उसके बाद मैने मंदिर में प्रवेश किया । मंदिर के अंदर कोई नही था । बडे आराम से मंदिर का एक एक कोना देखा और फोटो भी लिये । पता नही क्या कारण रहा कि जब मैने अंदर के फोटो लिये तो मैने फलैश आन कर रखी थी और मैने उसका प्रिव्यू भी देखा पर जब मैने घर आकर सारे फोटोज देखे तो शिवलिंग के दोनो फोटो काले थे । खैर कोई बात नही । मंदिर के बाहर पुजारी जी बैठै हुए थे जिन्होने बताया कि बिजली महादेव आज नीचे एक गांव में लगे मेले में गये हैं । मै थोडा कन्फयूज हो गया तब उन्होने बताया कि उनकी चल डोली नीचे गयी है आप चाहो तो वहां भी दर्शन कर सकते हो ।
मैने उनसे पूछा कि मेन लिंगम तो यहीं पर है ना जब उन्होने हां में कहा तो मैने कहा कि अब दूसरी जगह पर दर्शन करना जरूरी नही है
दूसरे चित्र में नंदी की प्रतिमा है जो कि मंदिर के ठीक सामने है । चौथे चित्र में लकडी की एक बहुत उंचा खम्बा है जिसके बारे में कहा जाता है कि हर साल इस खंबे से होकर बिजली गिरती है और शिवलिंग दो भागो में बंट जाता है । इसके बाद यहां का पुजारी स्थानीय गांव से विशेष मक्खन मंगवाता है और उस मक्खन से शिवलिंब को पुन उसी रूप में जोड देता है । जब हमने दर्शन किये तब भी शिवलिंग पर मक्ख्नन लगा हुआ था ।
dil karta hai yehin kahin bas jaaoon!!
ReplyDeleteआपकी इस प्रस्तुति का लिंक 04/07/2013 के चर्चा मंच पर है
ReplyDeleteकृपया पधारें
धन्यवाद
माई बिग गाइड पर सज गयी 100 वीं पोस्ट, बिना आपके सहयोग के सम्भव नहीं थी, मै आपके सहयोग, आपके समर्थन, आपके साइट आगमन, आपके द्वारा की गयी उत्साह वर्धक टिप्पणीयों, तथा मेरी साधारण पोस्टों व टिप्पणियों को अपने असाधारण ब्लाग पर स्थान देने के लिये आपका हार्दिक अभिनन्दन करता हॅू और आशा करता हॅू कि आपका सहयोग इसी प्रकार मुझे मिलता रहेगा, एक बार फिर ब्लाग पर आपके पुन आगमन की प्रतीक्षा में - माइ बिग गाइड और मैं
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