हाजिर हूं एक बार फिर से आपके सामने अपनी नयी यात्रा का विवरण लेकर क्योंकि पुरानी तो पुरानी है उसे तो कभी भी लिख दूंगा पर इस यात्रा को पुराना...
1 जून — दिल्ली से पुरी — ट्रेन से — 3 जून —पुरी आगमन — मंदिर दर्शन एवं पुरी शहर भ्रमण
4 जून —चिलका झील भ्रमण
5 जून—कोणार्क देखते हुए भुवनेश्वर शहर के मंदिर और नंदनकानन जू का अवलोकन रात को भुवनेश्वर से ट्रेन में कोलकाता प्रस्थान
6 जून — कोलकाता शहर भ्रमण
7 जून — कोलकाता शहर भ्रमण और रात को कंचनकन्या एक्सप्रेस से एनजेपी पहुंचना
8 जून — गंगटोक प्रस्थान
9 जून—गंगटोक से नाथूला दर्रा , छांगू लेक और बाबा हरभजन मंदिर
10 जून — गंगटोक से लाचूंग
11 जून — यूमथांग वैल्ली और जीरो प्वांइट वापस गंगटोक
12 जून —गंगटोक शहर भ्रमण और दार्जिलिंग प्रस्थान
13 जून —दार्जिलिंग शहर भ्रमण
14 जून —दार्जिलिंग से वाया मिरिक और पशुपति नगर होते हुए एन जे पी , वहां से रात को ट्रेन द्धारा गोवाहटी प्रस्थान
15 जून— गोवाहटी से शिलांग प्रस्थान
16 जून — शिलांग से चेरापूंजी भ्रमण
17 जून —शिलांग से सिंगल डेकर लीविंग रूट ब्रिज और एशिया के सबसे साफ गांव का भ्रमण
18 जून— शिलांग साईटसींग और गोवाहटी प्रस्थान
19 जून — गोवाहटी भ्रमण और रात को दिल्ली के लिये प्र्स्थान
21 जून — शाम 5 बजे घर आगमन
22 जून —सुबह 6 बजे हरिद्धार भ्र्मण और रिषीकेश प्रस्थान
23 जून — रिवर राफिटंग इन गंगाजी और मसूरी के लिये प्रस्थान
24 जून —कैम्पटी फाल , भटटा फाल , सहस्त्रधारा होते हुए घर इस टूर को मां वैष्णो देवी के आर्शीवाद से सफलता पूर्वक पूरा किया और लगभग 40 के करीब पोस्ट के माध्यम से आपके सामने रखने जा रहा हूं । इस पूरी यात्रा में करीब 40 हजार रू का खर्च आया जिसमे 5 हजार रूपये का नया कैमरा भी शामिल है क्योंकि शिलांग में मेरा कैमरा एक टैक्सी वाले ने गायब कर दिया जिसमें पांच दिन के 700 फोटो और वीडियो थे । मैने एफ आई आर भी कराई पर कैमरा नही मिल पाया और ना फोटो । शुक्र ये रहा कि पहली चिप भरने के कारण 900 फोटो बच गयी थी उसके बाद शिलांग से नये कैमरे से लिये गये 700 फोटो बाकी हैं आशा करता हूं कि इस बार आपको फोटो की क्वालिटी और पारिवारिक फोटो की शिकायत नही होगी क्योंकि इस बार पूरी सीरीज में मै या लवी का एक भी फोटो आपको नजर नही आयेगा । दूसरी बात सभी खर्च और होटलो की जानकारी आपको मिलेगी क्योंकि इससे पहले मै लिखने के लिहाज से नही घूमता था इसलिये इन चीजो पर गौर नही करता था । पारिवारिक फोटो भी ज्यादा खींचता था । खींचे इस बार भी हैं पर घुमककड का कोटा अलग से है । इस सीरीज के लिये नाम सोचते सोचते बोर हो गया तो मैने छोटा सा नाम मैराथन रख दिया है अगर आपको कोई और नाम अच्छा लगता हो तो बताईयेगा जरूर
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