क जगह चेन्नई के पार्थ सारथी मंदिर जैसा यात्रा रथ भी खडा था जो कि एक गांव में था शायद यहां भी यात्रा का आयेाजन किया जाता होगा अब हम धीरे धीरे कन्याकुमारी के पास आ रहे थे कि बारिश होनी शुरू हो गयी और फिर हमारी गाडी ने उस मुख्य हाइवे को क्रास किया जिस पर से सीधा दिल्ली से आया जा सकता है अब हम कन्याकुमारी पहुंचने वाले थे
रामेश्वरम का सूर्योदय |
यहां आकर पहले तो
हमने खाना खाया और फिर भोजनालय वालो से सुबह के नाश्ते के बारे में पूछा कि क्या
सुबह सात बजे से पहले हमें नाश्ता पैक करके मिल जायेगा तो उन्होने मना कर दिया कि
तब तक नही हो पायेगा । चलो कोई बात नही ये सोचकर हम सोने चले गये कि रास्ते में
कुछ ना कुछ खा लेंगें ।
रामेश्वरम का सूर्योदय
सुबह सवेरे उठकर नहाने धोने के कार्यक्रम में जब मै और लवी नहाकर तैयार हो गये तो हम अपनी धर्मशाला की बालकनी में गये जिसके सामने की ओर समुद्र था । सुबह सुबह जब सूर्य नही निकला था उस समय समुद्र के जल में कुछ अजीब सी चीजे चमक रही थी । जैसे जैसे भोर का उजाला होता गया पता लग गया कि ये नावे हैं और नावे भी धीरे धीरे बढती ही गयी । शायद वो मछुआरो की नावे थी या फिर वो ऐसी नावे थी जो हमने पहले भी समुद्र तटो पर देखी है लंगर डाल कर खडी रहती हैं किनारे से थोडी दूरी पर । हालांकि वे बडी नावे होती हैं पर दूर से तो बडी से बडी नाव भी छोटी ही दिखती है । इस दृश्य को अपने कैमरे में कैद कर लिया पर अपने फोटो के साथ ना कि अकेले ।
पम्बन ब्रिज |
रामेश्वरम से कन्याकुमारी बस यात्रा
बस स्टैंड पर पहुंच गये और बस की इंतजार करने लगे । बस अभी लगने वाली थी जिसका हमने आरक्षण कराया हुआ था । थोडी देर में बस आ गयी और ये बस काफी बढिया सीट वाली थी । रामेश्वरम से कन्याकुमारी के लिये चलते हुए मौका हाथ लगा पम्बन ब्रिज जो कि सडक वाला है से गुजरने का । बस को उसी से होकर जाना था । पास ही सारी की सारी बस्ती मछुआरो की थी और मै बस में आगे की ओर बैठा था तो बैठे बैठे ने दो चार फोटो भी लेने की कोशिश की पर रेलवे के पुल के तो नही आ पाये ।
पर इस बस में एक ही दिक्क्त आयी कि ये जिस रूट से गुजरने वाली थी उस पर काफी सारे लोकल गांवो से होकर गुजरी । एक खास बात और थी कि जिन लोगो का आरक्षण का टिकट था उनको गांव में उतरने और चढने वाले किसी भी बंदे ने ये तक नही कहा कि आप थोडा उधर हो जाओ या सीट पर थोडी सी जगह हमें भी दे दो । सुबह सुबह का समय था और ज्यादातर लोग आफिस जाने वाले थे । महिलाये और युवतियां जो कालेज जा रही थी वे अपनी पारंपरिक पोशाक में थी और पूरी तरह सजी धजी थी । वे इतनी फैशनेबल हैं कि गजरा वगैरा और मेकअप पूरा करके निकलती हैं । इस बस का हमें फायदा भी हुआ । एक तो इतना बढिया रास्ता देखने को मिला और साथ में दक्षिण खासतौर से तमिलनाडू का ग्रामीण परिवेश भी । रास्ता बढिया इसलिये था कि इस टूर पर चलने से पहले भी हमने नक्शे में देखा था कि मुख्य हाइवे जो कि कन्याकुमारी जा रहा है उसके अलावा ऐसा भी हो सकता है कि कोई रास्ता समुद्र के किनारे किनारे हो । ये वही रास्ता था जिस पर कई बार समुद्र बस इतनी ही दूर था जितना कि कोणार्क जाने के लिये पूरी से जाते समय समुद्र साथ साथ चलता है ।
पम्बन ब्रिज से दिखता रेलवे का पुल |
रास्ते में एक जगह दुकान पर गाडी रोकी गयी दोपहर के समय चाय नाश्ते के लिये । लगभग दस ग्यारह घंटे के सफर में ब्रेक तो जरूरी था । पूरे रास्ते एक चीज की भरमार रही और वो थे बिजली बनाने वाली पनचक्कियां जैसी की द्धारिका जाने के रास्ते में मैने देखी थी । इस पूरे इलाके में जहां समुद्र थोडा दूर होता था वहां पर समुद्र की ओर और बाकी रास्ते में समुद्र के दूसरी ओर के इलाके में इन पनचक्कियों की बहुतायत थी । पर द्धारिका की तरह यहां पर इलाका निर्जन नही था । द्धारिका में दूर दूर तक उस इलाके में कोई हरियाली नही दिखती है जो दिखती भी है वो भी बहुत कम है पर यहां तो लम्बे लम्बे नारियल और ताड के पेड इन पवनचक्कियों से होड लेते दिखते हैं और इनका केवल उपरी हिस्सा ही चमकने देते हैं । आधे रास्ते के बाद समुद्र की साइड में समुद्र चमकना बंद हो गया और शुरू हो गये नमक के खेत ।
मछुआरो की बस्ती |
रास्ते का एक दृश्य |
अगले भाग में घूमिये कन्याकुमारी
सुन्दर प्रस्तुति ||
ReplyDeleteमैंने यही यात्रा ट्रेन से की थी. सुन्दर जगह .
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति. यहाँ बहुतेरे मंदिरों के अपने रथ होते हैं महत्वपूर्ण अवसरों पर देवी देवताओंको बिठाकर नगर/गाँव में भ्रमण कराया जाता है. रथ बड़े कलात्मक होते हैं.
ReplyDeleteक्या ही खूब लिखा है.वाकई काफी मेहनत की है.बहुत सुन्दर.इंडियन ब्लोगर्स वर्ल्ड पर आपका स्वागत है.यहाँ आप अपने ब्लॉग का परिचय करवा सकते हैं.और अपने ब्लॉग को जन जन तक पहुंचा सकते हैं.और साथ ही यहाँ अपना ब्लॉग सबमिट करवा सकते हैं.जिसके बाद आपकी हर पोस्ट का लिंक यहाँ अपडेट्स होता रहेगा.और साथ ही यहाँ आपको बहुत इंडियन ब्लोगर्स को जानने करीब से देखने ,उनके ब्लोगों को जानने का मौका मिलेगा.हमारा मकसद हिंदी ब्लोग्स का प्रमोशन करना है.और सभी इंडियन ब्लोगर्स को एक जगह जमा करना है.आपका भी स्वागत है.आप भी इसके सदस्य बने ,और इंडियन ब्लोगर्स के साथ मिलकर अपने और दूसरों के ब्लोग्स के प्रमोशन में हिस्सा लें.इंडियन ब्लोगर्स वर्ल्ड सभी भारतीयों का अपना है.
ReplyDeleteइंडियन ब्लोगर्स वर्ल्ड
मैंने यह यात्रा एकदम उल्टी सुरु की थी, बढ़िया यात्रा चल रही है|
ReplyDeleteमेरी पहली टिपण्णी कहाँ गयी, ट्रेन के दरवाजे में खड़े होकर मैंने यह यात्रा वापसी में की थी, जबकि यहाँ तक जाना बस से हुआ था
ReplyDeletejankari kay or trevelling kay dhanyabad
ReplyDeleteyour best effort, it is very useful for me, i am going to Rameshwaram and KanyaKumari in Jan. 2018.
ReplyDeleteकितना समय लगा कन्याकुवारी पहुँचने तक
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