रास्ते से सामने बर्फीले शिख्ररो की चोटिया इतनी हसीन लग रही थी कि मन कर रहा था कि मुझे एक बार फिर से कौसानी चलना चाहिये क्योंकि अब वहां पर से तो सारा हिमालय ही सुंदर दिखायी दे रहा होगा ।
रास्ते से सामने बर्फीले शिख्ररो की चोटिया इतनी हसीन लग रही थी कि मन कर रहा था कि मुझे एक बार फिर से कौसानी चलना चाहिये क्योंकि अब वहां पर से तो सारा हिमालय ही सुंदर दिखायी दे रहा होगा ।
मेरा कैमरा दस मेगापिक्सल का है और शायद इतने हसीन नजारो को हूबहू लेने के लिये इसकी क्षमता कम है और इससे बढिया कैमरा लेने के लिये मेरे पास बजट कम है सो नंगी आंखो से देखे गये इन नजारो का वर्णन मै शब्दो में कर देता हूं और आप इन फोटोज को देखकर अंदाजा लगाओ कि कैसा नजारा होगा । हर मोड पर ही ये मन करता था कि इस सीन को और शूट करूं । इसलिये 17 किलोमीटर का ये सफर शायद एक घंटे में किया । मन और आंखे थी कि सामने हिमालय से हट ही नही रही थी
वैसे नीचे के नजारे भी कम हसीन नही थे आप इन खेतो को देखिये और बताईये कि अगर इतनी सुंदर खेती हो तो कौन खेती करना नही चाहेगा । अभी धूप निकलनी शुरू ही हुई है और नीचे धूप आ चुकी है । यहां पर मुझे रास्ते में इन रास्तो के लिये चलने वाली बस भी मिलनी शुरू हो गयी है । वैसे एक बस और दो एक मैक्स जीप के अलावा बैजनाथ तक कोई खास ट्रैफिक नही था । अगर आप कौसानी आ रहे हैं तो इस रास्ते पर घूमने का भी अपना ही एक मजा है जिसे अच्छी तरह लेना चाहिये । इस घाटी की सुंदरता का रसपान धीरे धीरे करना चाहिये
मेरा कैमरा दस मेगापिक्सल का है और शायद इतने हसीन नजारो को हूबहू लेने के लिये इसकी क्षमता कम है और इससे बढिया कैमरा लेने के लिये मेरे पास बजट कम है सो नंगी आंखो से देखे गये इन नजारो का वर्णन मै शब्दो में कर देता हूं और आप इन फोटोज को देखकर अंदाजा लगाओ कि कैसा नजारा होगा । हर मोड पर ही ये मन करता था कि इस सीन को और शूट करूं । इसलिये 17 किलोमीटर का ये सफर शायद एक घंटे में किया । मन और आंखे थी कि सामने हिमालय से हट ही नही रही थी
वैसे नीचे के नजारे भी कम हसीन नही थे आप इन खेतो को देखिये और बताईये कि अगर इतनी सुंदर खेती हो तो कौन खेती करना नही चाहेगा । अभी धूप निकलनी शुरू ही हुई है और नीचे धूप आ चुकी है । यहां पर मुझे रास्ते में इन रास्तो के लिये चलने वाली बस भी मिलनी शुरू हो गयी है । वैसे एक बस और दो एक मैक्स जीप के अलावा बैजनाथ तक कोई खास ट्रैफिक नही था । अगर आप कौसानी आ रहे हैं तो इस रास्ते पर घूमने का भी अपना ही एक मजा है जिसे अच्छी तरह लेना चाहिये । इस घाटी की सुंदरता का रसपान धीरे धीरे करना चाहिये
राम राम जी....
ReplyDeleteशिखर-शिखर चढ़ता मन,
ReplyDeleteनयन अवाक् !
कुछ ऐसे नजारे धनौल्टी चम्बा मार्ग पर भी दिखते है।
ReplyDeleteVery good description, nice photos. Thanks
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