देवाल , जैसा कि मैने बताया उत्तरांचल का एक सुंदर और छोटा सा गांव है और इसकी सुंदरता इसलिये भी है कि अब रूपकुंड की ओर जाने वाले लोगो को देवाल तक जाना ग्वालदम से और भी आसान पडेगा जिस खराब रास्ते से मै आया उस रास्ते के बनने के बाद ।
देवाल , जैसा कि मैने बताया उत्तरांचल का एक सुंदर और छोटा सा गांव है और इसकी सुंदरता इसलिये भी है कि अब रूपकुंड की ओर जाने वाले लोगो को देवाल तक जाना ग्वालदम से और भी आसान पडेगा जिस खराब रास्ते से मै आया उस रास्ते के बनने के बाद ।
अभी देवाल की ज्यादा अहमियत नही है जबकि थराली की ज्यादा है क्योंकि ग्वालदम से आओ या फिर दूसरी ओर से थराली में वे दोनो रास्ते मिलते हैं । हां ग्वालदम से देवाल तक सीधी रोड के बन जाने के बाद अल्मोडा , कौसानी की ओर से आने वालो के लिये यही रास्ता अहम होगा । मै इस खराब रास्ते के केवल 20 किलोमीटर तक कूद कूद कर पेट में काफी जगह बना चुका था ।
दोपहर का समय हो रहा था और मुझे खाने के लिये तलाश थी एक ठीक सी जगह की । मैने सारा गांव पार कर लिया पर मुझे कोई बढिया होटल नही मिला । देवाल हाट जैसा है यहां पर सामान खरीदने आते हैं आस पास के लोग और बच्चो के लिये कुछ स्कूल हैं । इसके अलावा यहां पर पर्यटको के लिये कुछ खास नही है । पर हां अगर घ्रर जैसे बने खाने का स्वाद लेना हो तो आपको ढाबे या होटल की शक्ल पसंद भले ना आये पर परम्परागत देशी खाने का स्वाद जरूर पसंद आयेगा ।
पूरा गांव निकल जाने के बाद मुझे सबसे आखिर में ये होटल मिला जिसका फोटो सबसे पहला है । यहां पर केवल 40 रू में भरपेट खाना था । मैने अपनी भूख मिटायी और आगे की ओर चल पडा । वैसे देवाल की खूबसूरती काफी अच्छी है पर मै उस वक्त बाइक चलाते समय केवल मोबाईल हाथ में लिये था सो मोबाईल के फोटो इतने बढिया नही आ पाये हैं शायद पर फिर भी आप इनका मजा लीजिये क्योंकि अब हम रूपकुंड के काफी करीब आ गये हैं तो अगली पोस्ट में मिलते हैं
अरे भाई यह तो मस्त मार्ग था इससे बुरा हाल तो वाण वाले मार्ग का था।
ReplyDeleteखाने की थाली को देख कर भूख लग आयी हैं मेरे भाई....
ReplyDelete