मुझे देवाल जाना है तो कौन सा रास्ता सही रहेगा । उसने कहा थराली होकर जाओ । मैने कहा कि देवाल के लिये सीधा रास्ता भी तो है तो वो बोला कि वो कच्चा रास्ता है अभी बन रहा है । मैने किलोमीटर पूछे तो उसने बोला कि थराली को होकर जाओगे तो 40 किलोमीटर और सीधे देवाल 20 किलोमीटर ।
ग्वालदम पहुंचा तो एकदम पहाड की चोटी पर बसा एक सुंदर कस्बा सा क्योंकि गांव से थोडा बडा था । यहां पर दस बीस दुकानो के अलावा सब जगह महिन्द्रा जीप और पिकअप नजर आ रही थी क्योंकि यहां से दो रास्ते कटते हैं एक देवाल जाने के लिये सीधा रास्ता और एक थराली से होकर देवाल जाता है ।
मैने नेट पर जाने से पहले भी एक बार पढा था कि देवाल के लिये ग्वालदम से सीधा रास्ता जाता है । तो फिर थराली से होकर क्यूं जाना ? इसलिये मैने यहां पर आकर एक बार फिर एक दुकानदार से पूछा कि मुझे देवाल जाना है तो कौन सा रास्ता सही रहेगा । उसने कहा थराली होकर जाओ । मैने कहा कि देवाल के लिये सीधा रास्ता भी तो है तो वो बोला कि वो कच्चा रास्ता है अभी बन रहा है । मैने किलोमीटर पूछे तो उसने बोला कि थराली को होकर जाओगे तो 40 किलोमीटर और सीधे देवाल 20 किलोमीटर । 20 किलोमीटर का अन्तर काफी है रास्ते को भी देख लेंगें ये सोचकर मै देवाल के लिये सीधे रास्ते पर मुड गया । पहले पहल तो मुझे लगा कि मैने सही किया है पर जैसे जैसे मै इस रास्ते पर चलता गया मुझे लगने लगा कि मैने बहुत बडी गलती कर दी है क्योंकि इस रास्ते पर कोई आना जाना किसी बंदे का नही था । कुल मिलाकर पूरे 20 किलोमीटर में ना तो कोई गांव था ना ही कोई यात्री ना वाहन । थे तो बस दो तीन जगह मजदूर काम करने की बजाय आग जलाकर तापते मिले । जी हां गर्मियो में भी यहां पर इतनी ठंडक थी कि वे आग जलाकर ताप रहे थे ।
कुछ कुत्ते भी मिले । इनके अलावा जो परेशान करने वाली बात थी कि ये रास्ता इतना खराब था कि पूछो मत । अभी पहली बार बनने की कंडीशन होने की वजह से ये जगह जगह से टूटा था और पानी बहने की वजह से कई बार कीचड से निकलना पडा । कई जगह तो इतना टूटा हुआ था रास्ता केवल बाइक का ही हो सकता था गाडी निकलनी तो नामुमकिन थी । पेडो की जडें और लताऐं इतनी लम्बी थी कि सिर से टकराती थी और जंगल इतना घना कि कई जगह धूप भी नही दिखती थी । हां कुछ मोडो से ये जरूर दिखाई दे रहा था कि नीचे एक बहुत सुंदर नदी बह रही थी शायद मै वही पर जाकर उतरूंगा तो देखते जाइये इस कच्चे रास्ते को और तब तक मै आपके लिये इस रास्ते का दूसरा पहलू तैयार करता हूं जो आप अगली पोस्ट में पढेंगें
सुन्दर प्रस्तुति। सुप्रभात...!
ReplyDeletesunder jagah aur sahi yatra . majaa aa rahaa hai.
ReplyDeleteसुन्दर चित्र और यात्रा वृत्तान्त |
ReplyDeleteआशा
कच्चे रास्ते और घने जंगलो के बीच बाइक यात्रा....बढ़िया हैं...| थोड़ा डर, थोड़ी परेशानी.....पर फिर भी मजा आता हैं....|
ReplyDeleteमेरी पसंदीदा मार्ग कुछ इसी प्रकार के होते है। हाय मैं यहाँ से क्यों ना गया?
ReplyDeleteYe rasta tabhi ban raha tha...
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