दूसरी गलती ये कि मै शुरू में ब्लाग तो काफी पढता था पर जिस पर कमेंट करना जरूरी समझता था उसी पर करता था तो उस बंदे को पता कैसे चलेगा कि आपने उसका ब्लाग पढा ? कमेंट करिये जरूर अगर आपको अपने ब्लाग को लोकप्रिय बनाना है तो ऐसे कई ब्लाग हैं जिन पर कई कई पोस्टो पर भी कमेंट नही होते जबकि उनमें लेखन सामग्री काफी बढिया होती है
आप सबने मेरी पहली पोस्ट में पढा कि किस तरह अपनी अलग यूजर नेम और आई डी वाली आई डी तभी बनानी चाहियें जब आपको सीरियस
ब्लागिंग ना करनी हो ।
अगर आप अपना ब्लाग बनाते हैं और उसे सफल होते देखना चाहते
हैं तो इसका पैमाना सबसे पहले ब्लाग के व्यूज को और
कमेंटस को मानना शुरू कर देते हैं
और इसलिये सबसे पहले मैने भी अपने व्यूज को देखा जो कि
सितम्बर 2012 तक केवल 20 से 30 तक ही थे ये
व्यूज कैसे बढें इसके लिये जो सब करते हैं मैने भी करना शुरू
किया पर फिर भी एक गलती से बचा रहा ।
मैने करना ये शुरू किया कि दनादन ब्लाग पढने और खोजने शुरू
किये और उन पर कमेंट करने शुरू किये । ये सबसे
पुराना और कारगर तरीका है अपने ब्लाग का प्रचार करने का पर
इसमें भी कुछ लोग गलती कर जाते हैं
वो कमेंट करते
समय अपने कमेंट में अपनी पोस्ट का लिंक डालते हैं जिससे कि वो कमेंट कम और विज्ञापन ज्यादा लगता है मुझे ये अपने
ब्लाग पर भी बुरा लगता था तो मैने भी आज तक किसी कमेंट
में अपनी पोस्ट का लिंक नही छोडा क्योंकि अगर बंदे को
आपको जानना ही है तो वो अपने आप ही आपके नाम पर क्लिक करेगा आपके
प्रोफाईल में से आपके ब्लाग पर जायेगा और फिर आपका ब्लाग पढेगा इससे आपके दो जगह व्यूज बढेंगें आपके प्रोफाईल के और ब्लाग
के
दूसरी गलती ये कि मै शुरू में ब्लाग तो काफी पढता था पर जिस
पर कमेंट करना जरूरी समझता था उसी पर करता था तो उस
बंदे को पता कैसे चलेगा कि आपने उसका ब्लाग पढा ? कमेंट करिये
जरूर अगर आपको अपने ब्लाग को लोकप्रिय बनाना है तो ऐसे कई ब्लाग हैं
जिन पर कई कई पोस्टो पर भी कमेंट नही होते जबकि उनमें लेखन सामग्री काफी
बढिया होती है पर वो लोकप्रिय नही होते तो उन पर कमेंट करेंगे तो वो आपके ब्लाग को जरूर पढेंगे क्योंकि उनको पता
चलेगा कि आप उनका ब्लाग पढते हैं और हां इसके लिये किसी
लिंक की जरूरत नही
एक बात और कि नये ब्लागर को सबसे पहला काम तो ये करना चाहिये
कि अपना वर्ड वैरिफिकेशन हटा लेना चाहिये । अगर आपने नही किया तो
अभी करिये । मुझे सबसे पहले दर्शन जी ने बताया था इसके
बारे में
तो मेरा एक तजुर्बा ये था कि आप औरो के ब्लाग पढिये और उस पर कमेंट
देना मत भूलिये क्योंकि जिस तरह आप तारीफ चाहते हैं ऐसे सभी चाहते हैं
हां कमेंट के बारे में एक बात और कहूंगा कि जल्दी और ज्यादा कमेंट
देने के चक्कर में बिना पोस्ट को पढे और बहुत बढिया , शानदार प्रस्तुति , मजा आ गया
जैसे रटे रटाये वाक्यो का प्रयोग तो छोड ही दें
जो पढें उसे गहराई से पढें और उस पर अपनी राय दें । अगर
विषय समझ नही आया और आपने सपाट शब्दो में ये लिखा कि
मै इस विषय के बारे में ज्यादा नही जानता पर मुझे कुछ
अच्छा लगा है और आगे से मेरी रूचि इस बारे में बनी है तो ये सच्ची राय है
क्योंकि ब्लागर हर विषय और विधा के हैं जैसे मै खुद के बारे में बता दूं
कि मै यात्रा ब्लाग सबसे ज्यादा पसंद करता हूं पर आजकल कवितायें और
हाइगा को भी पढने लगा हूं और पसंद भी करने लगा हूं क्योंकि मैने उसमें
पढने में ही सही ध्यान देना शुरू किया है
तो ईमानदारी से पढें और सच्ची राय दें वही आपके सच्चे मित्र बनायेगी
नया ब्लागर है तो उसे इस तरह के शब्दो से सांत्वना मिलती
है बहुत बढिया और गजब सुनकर दिल बल्लियो उछलने लगता
है पर पुराने ब्लागर अपनी तारीफ सुनने की बजाय आपके
शब्दो से ये देख लेते हैं कि आपने पोस्ट को पढा भी है कि नही ।
अगर आपने सिर्फ मुंहदेखी तारीफ की है तो वो भी बदले में आकर आपके ब्लाग पर बढिया करके चले जायेंगें । अगर आपने सही में पोस्ट को पढकर ढंग से बात समझी है और उसके अनुसार उसकी प्रशंसा की है या फिर कुछ पूछा है तो वे आपमें दिलचस्पी लेंगें ।
अगर आपने सिर्फ मुंहदेखी तारीफ की है तो वो भी बदले में आकर आपके ब्लाग पर बढिया करके चले जायेंगें । अगर आपने सही में पोस्ट को पढकर ढंग से बात समझी है और उसके अनुसार उसकी प्रशंसा की है या फिर कुछ पूछा है तो वे आपमें दिलचस्पी लेंगें ।
मेरे तजुर्बे की गाथा अगले भाग में भी जारी रहेगी अगर आप बोर हो जायें तो बता
देना मै बंद कर दूंगा
bloging तो मैं नही करता लेकिन जानकारी अच्छी है, जारी रखे ।
ReplyDeleteबढ़िया मनु भाई...
ReplyDeleteआपके अंदर का शिक्षक लगता है अब जाग रहा है....
हां जी बोर हो गये
ReplyDeleteप्रणाम
अच्छी जानकारी है... जारी रखिये
ReplyDeleteटिप्पणी और टिप्पणी कला पर बहुत सी पोस्ट्स लिखी जा सकती हैं, यह अपने आप में बहुत विस्तृत विषय है। सिर्फ़ तारीफ़ से हर बार काम नहीं चल पाता, टिप्पणी के पीछे की भावना झलक ही जाती है। किसी दुखद घटना का जिक्र करती पोस्ट पर वाह, बहुत सुंदर प्रविष्टि और\या अपने ब्लॉगपोस्ट का लिंक देती टिप्पणियाँ बहुत बार दिखती रहती हैं। फ़ेसबुक पर और भी कमाल और धमाल है, निधन की सूचना देते स्टेटस पर एक नहीं बहुत से लाईक्स पेल जाते हैं विद्वान लोग। क्या कीजियेगा?
ReplyDeleteमनु भाई, प्रतिक्रिया देने में नियमित नहीं रह पाता हूँ। बाकी आप समझदार हो ही।
हम भी आये थे आपके ब्लॉग पर
ReplyDeleteमैंने आपकी ये पोस्ट भी पढ़ ली है, इसलिए कमेंट के माध्यम से बता रहा हूँ. आपकी हर पोस्ट को में पढ़ लेता हूँ.
ReplyDeletedhaney vad manu ji hamey apki post bhot achi lagi or hamey asi jankari detey rahiye
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