जिनमें से एक है टूलबार बनाना जो कि मेरे ब्लाग पर लगा हुआ है । उस टूलबार को कोई अगर चाहे तो अपनी साइट पर लगा सकता है दूसरा तरीका है अपने पाठको को अलेक्सा डाट काम पर रिव्यू लिखने के लिये आप्शन देना तीसरा तरीका है अलेक्सा रैंकिग का विजेट लगाना चौथा तरीका है अलेक्सा टूलबार डाउनलोड करके उसका उपयोग करना
मेरे बहुत सारे मित्र हैं ब्लाग जगत में पर आज यहां ऐसा विषय है कि जिन मित्रो के ब्लाग के बारे में उदाहरण देकर बताउंगा वे कहीं बुरा ना मान जायें कि हमारे ब्लाग की तुलना कर दी या हमें कम बता दिया तो ये सोचकर आज उनके नाम नही बताउंगा पर जब मैने अलेक्सा रैंकिग पर
सितम्बर में ध्यान देना शुरू किया तो उस समय मेरे पहले मित्र ए की रैंकिग थी 20 लाख के करीब और उनके पेजव्यूज थे 30 हजार से कुछ उपर । मेरे दूसरे मित्र जिन्हे मै यहां पर बी कहकर संबोधित करूंगा । सितम्बर 2012 में उनकी रैंकिग थी बीस लाख के उपर और पेजव्यूज थे 6 हजार के आसपास । सितम्बर 2012 में मेरे पेजव्यूज थे 5000 और रैंक थी बीस करोड के करीब ।
मैने अलेक्सा पर अपना ब्लाग सबमिट किया और कुछ और तरीके इस्तेमाल किये जिन्हे अलेक्सा रैंकिग बढाने में सहायक माना जाता है
जिनमें से एक है टूलबार बनाना जो कि मेरे ब्लाग पर लगा हुआ है । उस टूलबार को कोई अगर चाहे तो अपनी साइट पर लगा सकता है
दूसरा तरीका है अपने पाठको को अलेक्सा डाट काम पर रिव्यू लिखने के लिये आप्शन देना
तीसरा तरीका है अलेक्सा रैंकिग का विजेट लगाना
चौथा तरीका है अलेक्सा टूलबार डाउनलोड करके उसका उपयोग करना
पांचवा तरीका है अपना लेखन नियमित करना । मैने उसी दिन से हर दूसरे दिन अपनी पोस्ट शैडयूल कर दी । सितम्बर से अब तक और आगे भी आप हर दूसरे दिन यानि एक दिन छोडकर मेरे यात्रा वृतांत पढ सकते हैं
और अब मैने बीच के बचे एक दिन में अपने अन्य विवरणो को लिखना शुरू कर दिया है अब आप मेरे ब्लाग पर प्रतिदिन अपडेट पायेंगे
ऐसा इसलिये भी जरूरी है क्योंकि मै अभी तक अपनी पुरानी यात्राऐं ही नही लिख पाया हूं तो नयी कैसे और कब लिखूंगा इसलिये मै और मेहनत करके रोज लिखना अनिवार्य कर रहा हूं अपने लिये पर अगर आप रोज या दो दिन में ना लिख सकें तो भी एक काम तो जरूर करें कि एक दिन निश्चित करें ।
उदाहरण के लिये अगर आप एक हफते में पोस्ट लिख ही देते हों तो आप रविवार का दिन निश्चित करें । यदि समय निश्चित रहेगा तो आप लिखेंगे ही और यदि आप लिखेंगे तो आप नियमित होंगे
जनवरी में मेरी रैंकिग हो गयी दस लाख 5000 पेज व्यूज के साथ जबकि बी बंधु की रैंकिग पन्द्रह लाख तक पहुंच गयी हालांकि उनकी मेहनत और प्रचार से उनके पेज व्यूज हो गये आठ हजार के पास जबकि ए बंधु की रैकिंग भी थोडा नीचे खिसकी और पेज व्यूज भी गिरकर 22 हजार के आसपास हो गये
अब स्थिति ये है कि मेरे पेज व्यूज घट कर 5600 प्रति माह हो गये हैं पर रैंकिग साढे पांच लाख से नीचे आ गयी है । ए महोदय की रैंकिंग भी दस लाख से उपर है जबकि 27000 पेज व्यूज हैं बी महोदय की रैंकिग पांच लाख से कुछ नीचे आ गयी है जबकि इंडिया में 23 हजार है और पेज व्यूज हैं 15000
सार ये है कि 27000 पेज व्यूज के और चार साल से ब्लागिंग में होने के कारण ए मित्रवर को पहले स्थान पर होना चाहिये था और सबसे कम पेज व्यूज के कारण मुझे सबसे आखिरी पर ऐसा नही हुआ । सिर्फ पांच महीने में लगातार घटकर मेरी और बी महोदय की रैंकिग पांच लाख तक आ पहुंची जबकि मेरे पेज व्यूज उनके आधे से भी कम हैं । इन पांच महीनो में मै व्यस्त रहा अपने मकान के निर्माण कार्य में और सिवाय मेल चैक करने के मैने कोई और कार्य नही किया
ऐसा नही कि पेज व्यूज मायने नही रखते पर अगर इतने अच्छे पेज व्यूज के साथ इन पांच बातो का ध्यान रखा जाये तो रैंकिंग में जबरदस्त उछाल देखने को मिल सकता है और मेहनत करने का इससे अच्छा रिवार्ड नही है
हां एक बात और कि इन रैंकिंग में मुझे नही लगता कि कमेंट की संख्या का कोई भी रोल है इसलिये कमेंट की चिंता तो छोड ही दीजिये
वैसे मेरे इस आलेख से कोई भी बंधु या ब्लागर अपनी भावनाये ना जोडे मै खुद एक नया सिखतड हूं इस दुनिया में जो अभी सीख ही रहा है पर ये भावनाये मेरे दिल में उमड रही थी सो बता दी । आप इसको सही समझें तो फायदा उठा लें नही तो कोई बात नही जैसा चल रहा है वैसा चलने दें
सितम्बर में ध्यान देना शुरू किया तो उस समय मेरे पहले मित्र ए की रैंकिग थी 20 लाख के करीब और उनके पेजव्यूज थे 30 हजार से कुछ उपर । मेरे दूसरे मित्र जिन्हे मै यहां पर बी कहकर संबोधित करूंगा । सितम्बर 2012 में उनकी रैंकिग थी बीस लाख के उपर और पेजव्यूज थे 6 हजार के आसपास । सितम्बर 2012 में मेरे पेजव्यूज थे 5000 और रैंक थी बीस करोड के करीब ।
मैने अलेक्सा पर अपना ब्लाग सबमिट किया और कुछ और तरीके इस्तेमाल किये जिन्हे अलेक्सा रैंकिग बढाने में सहायक माना जाता है
जिनमें से एक है टूलबार बनाना जो कि मेरे ब्लाग पर लगा हुआ है । उस टूलबार को कोई अगर चाहे तो अपनी साइट पर लगा सकता है
दूसरा तरीका है अपने पाठको को अलेक्सा डाट काम पर रिव्यू लिखने के लिये आप्शन देना
तीसरा तरीका है अलेक्सा रैंकिग का विजेट लगाना
चौथा तरीका है अलेक्सा टूलबार डाउनलोड करके उसका उपयोग करना
पांचवा तरीका है अपना लेखन नियमित करना । मैने उसी दिन से हर दूसरे दिन अपनी पोस्ट शैडयूल कर दी । सितम्बर से अब तक और आगे भी आप हर दूसरे दिन यानि एक दिन छोडकर मेरे यात्रा वृतांत पढ सकते हैं
और अब मैने बीच के बचे एक दिन में अपने अन्य विवरणो को लिखना शुरू कर दिया है अब आप मेरे ब्लाग पर प्रतिदिन अपडेट पायेंगे
ऐसा इसलिये भी जरूरी है क्योंकि मै अभी तक अपनी पुरानी यात्राऐं ही नही लिख पाया हूं तो नयी कैसे और कब लिखूंगा इसलिये मै और मेहनत करके रोज लिखना अनिवार्य कर रहा हूं अपने लिये पर अगर आप रोज या दो दिन में ना लिख सकें तो भी एक काम तो जरूर करें कि एक दिन निश्चित करें ।
उदाहरण के लिये अगर आप एक हफते में पोस्ट लिख ही देते हों तो आप रविवार का दिन निश्चित करें । यदि समय निश्चित रहेगा तो आप लिखेंगे ही और यदि आप लिखेंगे तो आप नियमित होंगे
जनवरी में मेरी रैंकिग हो गयी दस लाख 5000 पेज व्यूज के साथ जबकि बी बंधु की रैंकिग पन्द्रह लाख तक पहुंच गयी हालांकि उनकी मेहनत और प्रचार से उनके पेज व्यूज हो गये आठ हजार के पास जबकि ए बंधु की रैकिंग भी थोडा नीचे खिसकी और पेज व्यूज भी गिरकर 22 हजार के आसपास हो गये
अब स्थिति ये है कि मेरे पेज व्यूज घट कर 5600 प्रति माह हो गये हैं पर रैंकिग साढे पांच लाख से नीचे आ गयी है । ए महोदय की रैंकिंग भी दस लाख से उपर है जबकि 27000 पेज व्यूज हैं बी महोदय की रैंकिग पांच लाख से कुछ नीचे आ गयी है जबकि इंडिया में 23 हजार है और पेज व्यूज हैं 15000
सार ये है कि 27000 पेज व्यूज के और चार साल से ब्लागिंग में होने के कारण ए मित्रवर को पहले स्थान पर होना चाहिये था और सबसे कम पेज व्यूज के कारण मुझे सबसे आखिरी पर ऐसा नही हुआ । सिर्फ पांच महीने में लगातार घटकर मेरी और बी महोदय की रैंकिग पांच लाख तक आ पहुंची जबकि मेरे पेज व्यूज उनके आधे से भी कम हैं । इन पांच महीनो में मै व्यस्त रहा अपने मकान के निर्माण कार्य में और सिवाय मेल चैक करने के मैने कोई और कार्य नही किया
ऐसा नही कि पेज व्यूज मायने नही रखते पर अगर इतने अच्छे पेज व्यूज के साथ इन पांच बातो का ध्यान रखा जाये तो रैंकिंग में जबरदस्त उछाल देखने को मिल सकता है और मेहनत करने का इससे अच्छा रिवार्ड नही है
हां एक बात और कि इन रैंकिंग में मुझे नही लगता कि कमेंट की संख्या का कोई भी रोल है इसलिये कमेंट की चिंता तो छोड ही दीजिये
वैसे मेरे इस आलेख से कोई भी बंधु या ब्लागर अपनी भावनाये ना जोडे मै खुद एक नया सिखतड हूं इस दुनिया में जो अभी सीख ही रहा है पर ये भावनाये मेरे दिल में उमड रही थी सो बता दी । आप इसको सही समझें तो फायदा उठा लें नही तो कोई बात नही जैसा चल रहा है वैसा चलने दें
achchi jankari koshish karta hun
ReplyDeleteअलेक्सा रैंकिंग पहले बहुत तेजी से बढ़ती है लेकिन बाद में बुरी तरह से नीचे गिरती है.
ReplyDeleteमेरे ब्लौग की रैंकिंग कभी दो लाख से से कम थी. बाद में दस लाख के भी पीछे चली गयी. अब यह पांच लाख के आसपास है.
आप अपेक्षाकृत नए हैं इसलिए इन बातों पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. कुछ समय बीतने के बाद आप जान जायेंगे कि यह सब बहुत मायने नहीं रखता.
उपयोगी जानकारी.
Deleteजसे की मैंने भी अपने ब्लॉग का अलेक्सा रेंक चेक किया तो १९,७१६,२६९ पाया.जबकि मैं ब्लोगींग में अभी नया ही हूँ,किस पर विश्वास किया जाय.
Deleteभूली-बिसरी यादें
18,65,977 aur india main 1,52,467
Deleteतो इसमें आश्चर्यजनक क्या है ? क्योंकि जब ब्लाग नया होता है तो सभी काफी मेहनत करते हैं हांलाकि वो नियमित नही होती और दिखती भी बाद में है
लगे रहिये
आपकी राय भी सही है निशांत जी पर जब विश्व में सबसे ज्यादा भरोसा इसी पर किया जाता है तो कोशिश करने में क्या हर्ज है
Deleteअलेक्सा रैंकिंग तो बस बेवकूफ बनाने की चीज़ है ऐसा कुछ नही है जैसा लोग सोचते हैं अलेक्सा रैंकिंग केवल इस बात पर निर्भर करती है की कितने यूजर अलेक्सा टूलबार से वेबसाइट विजिट करते हैं मान लो आपको अपने ब्लॉग की अलेक्सा रैंकिंग अच्छी करनी है तो अलेक्सा टूलबार इंस्टाल कर लो और इस टूलबार में कम से कम दिन में 20-30 बार अपने ब्लॉग को सर्च किया करो अलेक्सा रैंकिंग अपने आप अची आ जाएगी
Deleteगुमदी डॉट कॉम
बहुत बढ़िया ..try करता हूँ|
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