अगर आपको सीरियस ब्लागिंग करनी है तो उसकी वजह बता देता हूं सबसे पहली वजहक्योंकि इन साइटो पर आपको अपना एक यूजर नेम और आई डी क्रियेट करनी पडती है जो कि आपको ब्लागिंग से दूर कर देती है आपको उस साइट पर जाकर अपनी वहीं की आई डी से लागिन करना पडता है और फिर पढने वाले तो मिलते हैं पर वो आपको वहीं की आई डी के रूप में और वहीं पर लिखने वाले के रूप में जानते हैं
ये मेरा अपना ब्लागिंग का तजुर्बा है जो मै आप लोगो के साथ शेयर करना चाहता हूं । वैसे मुझे एक साल पूरा हुआ है ब्लाग रजिस्टर्ड किये पर सीरियस ब्लागिंग शुरू किये केवल 6 माह तो आप कह सकते हैं कि अभी क्या तजुर्बा है ? पर हो सकता है कि ऐसा हो कि मैने अपने जीवन की तरह कम उम्र में ज्यादा तजुर्बा कर लिया हो तो क्या हर्ज है अपनी गलतियों को बताने और अपने फायदे वाले तजुर्बो को आप सब के साथ साझा करने में यही सोचकर मैने इस पोस्ट को लिखने का मन बनाया
पर ये इतनी लम्बी हो गयी कि मुझे कई भाग मे करना पडा ।
आप सबके सहयोग का प्रार्थी रहूंगा कि आप मुझे अपने विचारो से भी अवगत जरूर करायें जब मैने ब्लागिंग शुरू की तो मैने उसे बहुत हल्के में लिया । उसका कारण था मैने एक ऐसी साइट जाइन कर ली थी जो कि ब्लागर को खत्म कर देती है । उस साइट का नाम है घुमक्कड , वैसे मैने दो चार साइटो में और भी हाथ आजमाया जो इसी तरह की थी जैसे बीसीएम टूरिंग और इंडिया माइक ।
ये मेरा पहला तजुर्बा है कि इस तरह की गलती मत करना अगर आपको सीरियस ब्लागिंग करनी है तो उसकी वजह बता देता हूं सबसे पहली वजहक्योंकि इन साइटो पर आपको अपना एक यूजर नेम और आई डी क्रियेट करनी पडती है जो कि आपको ब्लागिंग से दूर कर देती है आपको उस साइट पर जाकर अपनी वहीं की आई डी से लागिन करना पडता है और फिर पढने वाले तो मिलते हैं पर वो आपको वहीं की आई डी के रूप में और वहीं पर लिखने वाले के रूप में जानते हैं
दूसरा कारण है कमेंटस का नशा — मैने ब्लागिंग सही मायने में सितम्बर 2012 में शुरू की । फरवरी 2012 से सितम्बर तक मुझे घुमक्कड डाट काम का नशा था उसकी वजह भी थी । मै एक पोस्ट लिखता था और उसे घुमक्कड डाट काम और अपने ब्लाग पर एक साथ पोस्ट करता था पर मेरे ब्लाग पर एक और कभी कभी तो एक भी कमेंट नही आता था जबकि दूसरी जगह 20 से 30 तक कमेंट आ जाते थे ये प्राकृतिक रूप से सभी की चाहत है कि उसको कमेंट मिले , सराहना मिले इसीलिये तो हम सब यहां पर हैं अपनी अपनी बात सुनाने के लिये पर अगर सुनने वाला ही ना हो तो फिर क्या करें
एक और कारण — दूसरी जगह पर उस साइट के सात सौ रजिस्टर्ड यूजर्स हैं और एक पोस्ट छपते ही कम से कम उसी दिन 250 व्यूज या हिट हो जाते थे जिसे देखकर कई किलो तो खून बढ जाता था पर इसके साइड इफेक्ट — हर नशे का साइड इफेक्ट होता है और इसका भी था कि मैने अपने ब्लाग पर ध्यान देना बिलकुल बंद कर दिया । पर जैसा कि हमेशा से होता आया है वो साइट भी हमारी तरह के इंसान ने ही बनायी थी और उसमें भी हीन भावना और राजनीति थी जिसकी वजह से जब सितम्बर में मेरा मोह भंग हुआ तो मैने अपने ब्लाग पर मेहनत शुरू की । उस समय मेरे ब्लाग के रोज के हिटस की संख्या थी 20 से 25 केवल । मित्रगणो ने हौंसला बढाया कमेंट करके लेकिन उसके बाद भी कोई रिजल्ट नही आया तो फिर क्या हुआ बताउंगा अगली पोस्ट में इसलिये आज की पोस्ट के बारे में यही कहूंगा कि ऐसी साइट पर केवल तभी जायें जब आप ब्लागिंग करने की बजाय कभी कभी और शौकियाना ही लिखना चाहते हों पर अगर आपके पास कुछ हटके है और आप इसे दुनिया को दिखाना चाहते हैं तो अपना ब्लाग या वेबसाइट ही सबसे बेहतर है बस इस पर थोडा सा काम करने की जरूरत है और वो कैसे मै अपने तजुर्बे के बारे में इसी पर रोशनी डालूंगा
पर ये इतनी लम्बी हो गयी कि मुझे कई भाग मे करना पडा ।
आप सबके सहयोग का प्रार्थी रहूंगा कि आप मुझे अपने विचारो से भी अवगत जरूर करायें जब मैने ब्लागिंग शुरू की तो मैने उसे बहुत हल्के में लिया । उसका कारण था मैने एक ऐसी साइट जाइन कर ली थी जो कि ब्लागर को खत्म कर देती है । उस साइट का नाम है घुमक्कड , वैसे मैने दो चार साइटो में और भी हाथ आजमाया जो इसी तरह की थी जैसे बीसीएम टूरिंग और इंडिया माइक ।
ये मेरा पहला तजुर्बा है कि इस तरह की गलती मत करना अगर आपको सीरियस ब्लागिंग करनी है तो उसकी वजह बता देता हूं सबसे पहली वजहक्योंकि इन साइटो पर आपको अपना एक यूजर नेम और आई डी क्रियेट करनी पडती है जो कि आपको ब्लागिंग से दूर कर देती है आपको उस साइट पर जाकर अपनी वहीं की आई डी से लागिन करना पडता है और फिर पढने वाले तो मिलते हैं पर वो आपको वहीं की आई डी के रूप में और वहीं पर लिखने वाले के रूप में जानते हैं
दूसरा कारण है कमेंटस का नशा — मैने ब्लागिंग सही मायने में सितम्बर 2012 में शुरू की । फरवरी 2012 से सितम्बर तक मुझे घुमक्कड डाट काम का नशा था उसकी वजह भी थी । मै एक पोस्ट लिखता था और उसे घुमक्कड डाट काम और अपने ब्लाग पर एक साथ पोस्ट करता था पर मेरे ब्लाग पर एक और कभी कभी तो एक भी कमेंट नही आता था जबकि दूसरी जगह 20 से 30 तक कमेंट आ जाते थे ये प्राकृतिक रूप से सभी की चाहत है कि उसको कमेंट मिले , सराहना मिले इसीलिये तो हम सब यहां पर हैं अपनी अपनी बात सुनाने के लिये पर अगर सुनने वाला ही ना हो तो फिर क्या करें
एक और कारण — दूसरी जगह पर उस साइट के सात सौ रजिस्टर्ड यूजर्स हैं और एक पोस्ट छपते ही कम से कम उसी दिन 250 व्यूज या हिट हो जाते थे जिसे देखकर कई किलो तो खून बढ जाता था पर इसके साइड इफेक्ट — हर नशे का साइड इफेक्ट होता है और इसका भी था कि मैने अपने ब्लाग पर ध्यान देना बिलकुल बंद कर दिया । पर जैसा कि हमेशा से होता आया है वो साइट भी हमारी तरह के इंसान ने ही बनायी थी और उसमें भी हीन भावना और राजनीति थी जिसकी वजह से जब सितम्बर में मेरा मोह भंग हुआ तो मैने अपने ब्लाग पर मेहनत शुरू की । उस समय मेरे ब्लाग के रोज के हिटस की संख्या थी 20 से 25 केवल । मित्रगणो ने हौंसला बढाया कमेंट करके लेकिन उसके बाद भी कोई रिजल्ट नही आया तो फिर क्या हुआ बताउंगा अगली पोस्ट में इसलिये आज की पोस्ट के बारे में यही कहूंगा कि ऐसी साइट पर केवल तभी जायें जब आप ब्लागिंग करने की बजाय कभी कभी और शौकियाना ही लिखना चाहते हों पर अगर आपके पास कुछ हटके है और आप इसे दुनिया को दिखाना चाहते हैं तो अपना ब्लाग या वेबसाइट ही सबसे बेहतर है बस इस पर थोडा सा काम करने की जरूरत है और वो कैसे मै अपने तजुर्बे के बारे में इसी पर रोशनी डालूंगा
मेरे जैसे नये ब्लोगरोँ के लिए अच्छी जानकारी है।
ReplyDelete।,।,।,।,।,।
http://yuvaam.blogspot.com/2013_01_01_archive.html?m=0
शुभकामनायें आपको.....
ReplyDeleteभारतीयों के लिए तो सचमुच एक विषम स्थिति है!-ये स्किन हेड्स का भी तो गैंग होता है?
ReplyDeleteबहुत अच्छा मनु भाई....
ReplyDeleteकुछ भी हो अपना बसाया घर छोटा ही क्यों न हो अपना हॉट है उतनी शांति और अपनापन कहीं नहीं मिलती....
मनु भाई...
ReplyDeleteआपकी दक्षिण भारत यात्रा कब पूरी हो रही है....
instead of politics why dont you work out on quality writing. there is no change in any site or your own blog. same writing.
ReplyDeleteउत्कृष्ट प्रस्तुति |
ReplyDeleteआभार आदरणीय ||
ReplyDeletepraveen ji. please read carefully this post again.
मनु जी नमस्कार ...
ReplyDeleteहालांकि मेरा कोई ख़ास अनुभव नहीं है ब्लॉग लिखने का ..पर ब्लॉग पढने में मेरी बड़ी रूचि रही है
कुछ बाते कहने जा रहा हूँ उमीद है आप बुरा नहीं मानेगे आपने जो बाते कही है दुसरे वेबसाइट
और अपने खुद के ब्लॉग के बारे में ..ये बाते उसी तरह है जैसे की कल तक आप किसी कंपनी में
नामी कर्मचारी थे आपको वंहा अच्छी पहचान मिली और अब आप अपनी खुद की कंपनी खोल ली
है और उस कंपनी की खामिया बता रहे है जैसे की (यूजर नाम से पहचान ,पूर्ण रूप से स्वंत्रता न मिलना ,
आदि आदि )जब आप इन्टरनेट पर अपनी घुमक्कड़ी और यात्रा विवरण लिखने के लिए आये होंगे तब
आपको कोई नहीं जनता होगा पर धीरे धीरे आपके सुन्दर लेख और रोचक विवरण से उस वेबसाइट के
द्वारा आपको पहचान मिलनी शुरू हो गयी ..खैर आप मेरी बातो को गलत मतलब नहीं निकालिएगा
कोई भी वेबसाइट,कंपनी,कॉलेज,या कोई भी ऐसी चीज जंहा से आपने कुछ सिखा ,जंहा से आपको कुछ
मिला ,उसकी खामिया कभी नहीं निकालनी चहिये .ये मेरे अपने विचार है जो मैंने आपको अवगत
कराया है इसके पीछे कोई भी नकारात्मक सोच या उद्देश्य नहीं है ..आपके ब्लॉग का मै फैन तो हूँ ही साथ ही आपके लेख का भी जब ये घुमक्कड़ में आती थी ....
चलिये देर आए दुरुस्त आए ... अब लगे रहिए !
ReplyDeleteआज की ब्लॉग बुलेटिन १९ फरवरी, २ महान हस्तियाँ और कुछ ब्लॉग पोस्टें - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
स्वागतम श्रीमान , आपके विचार बढिया हैं पर मेरी पोस्ट का भावार्थ समझिये कि मैने ऐसा महसूस किया है ।
ReplyDeleteउदाहरण के तौर पर मै आपको समझाता हूं कि 10 या 20 साल साथ रहने के बाद भी पति पत्नी अलग हो जाते हैं और पत्नी ये शिकायत कर देती है कि ये मुझे बंधन में रखते थे तो आप कहो कि अब तक क्यों नही कहा ?
दूसरी बात मै घुमक्क्ड की बुराई नही कर रहा । मैने ये महसूस किया जब मैने अपने ब्लाग का स्टेटस और उसकी पहचान ब्लाग जगत में ढूंढने की कोशिश की । हां इसमें दो साइट का नाम और भी है उनके बारे में भी यही विचार हैं पर ये नही कि वो गंदी जगह हैं मैने बाद में लिखा है कि अगर आप सीरियस ब्लागिंग नही करना चाहते तो वे बेस्ट विकल्प हैं
एक बात और कि आप इस सीरीज का पूरा पढें तो पायेंगे कि आज जो मेरा ब्लाग है वो जीरो से शुरू होकर चला है उसमें उन साइटो का कोई रोल नही है हां मेरे कुछ मित्र और प्रशंसक वहां पर बने हैं जिनका मै तहे दिल से सम्मान और आदर करता हूं और करता रहूंगा आपकी तरह
आपके अनुभव हमारे भी काम आयेंगे। धन्यवाद
ReplyDeleteकृपया इस जानकारी को भी पढ़े :- इंटरनेट सर्फ़िंग के कुछ टिप्स।
मैं आपसे कुछ हद तक सहमत हूँ | I can see you are doing a good job. पर यहाँ अपने ब्लॉग पर लिखने के लिए और इसे सफल बनाने के लिए अभी और मेहनत की ज़रुरत है|
ReplyDeleteKeep doing the hard work, it's going to pay you one day.
All the best.
P.S.- Can you pls enable the Name/URL option for commenting ?
Nisha - Le Monde-A Poetic Travail
शुभकामनाएं
ReplyDeleteहर अनुभव किसी न किसी के काम जरूर आता है ...
ReplyDeleteआपने साझा किया अनुभव ये अच्छी बात है ...
देर आयद दुरुस्त आयद.....
ReplyDeleteआपकी बात से एक अच्छा ब्लॉगर सहमत अवश्य होगा।
ReplyDeleteअपना घर/काम आखिर अपना होता है, पराया तो पराया है उसकी आरजू क्या करना?
अब जल्द अपने घर के काम से फ़्री होकर आगे अपने मस्त लेखन से हम सबको खुश कर दीजिए।
पुरानी बात छोड़िये, उसका नाम भी मत ले। आगे की सोचिए............
मनु भाई,
ReplyDeleteअपनी राय भी यही है कि अपना घर कैसा भी हो, अपना ही होता है। सबके लिये कोई एक थम्बरूल बेशक नहीं हो सकता और हर कोई इस बात के लिये स्वतंत्र है कि किस नियम या पॉलिसी को अपनाये। तजुर्बे बताते चलिये, इन्हें पढ़ने में अपने को मजा आता है।
जो भी आपने कहा वो ईमानदारी से कहा.
ReplyDeleteअब जो भी आपका लिखा पड़ना चाहता है, उसको अब यहीं आना है.
में आपके साथ हू
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