आकर अलकनंदा में मिल जाती है । करीब एक किलोमीटर पहले से ही संगम दिखना शुरू हो जाता है । यहां से एक रास्ता घाट के लिये चला जाता है । घाट से सुतोल होकर रूपकुंड जाया जा सकता है ।
कर्णप्रयाग से चलने के बाद हमारा अगला पडाव था नंदप्रयाग । नंदप्रयाग तक जाने का रास्ता काफी सुंदर था । पर सुंदरता हमेशा खतरनाक होती है ।
एक आर्मी का ट्रक खाई में गिर गया था जिसे बाहर निकाला तो उसका हाल क्या था आप फोटो में देख सकते हो ।
नंदप्रयाग को हमने उपर सडक से ही देखा क्योंकि जरूरत ही नही पडी नीचे जाने की ।नंदप्रयाग संगम है नंदाकिनी नदी और अलकनंदा नदी का । नंदाकिनी नदी जो कि नंदा देवी पर्वत से निकलती है यहां आकर अलकनंदा में मिल जाती है । करीब एक किलोमीटर पहले से ही संगम दिखना शुरू हो जाता है । यहां से एक रास्ता घाट के लिये चला जाता है । घाट से सुतोल होकर रूपकुंड जाया जा सकता है । शायद हम भी फिर किसी बार इस रास्ते से जायेंगें पर फिलहाल हमारा इरादा यहां पर रूकने का नही था इसलिये हम चलते रहे ।
our next target was Nand prayag. The way from karan prayag to nandprayag was very beautiful But remember beauty is always risky .We saw an army truck damaged . it was an accident. so be careful on these roads. we saw nandprayag from road. nearly 1 kilometer before Nandprayag one can see sangam ( confluence ) . One road goes from here to Ghat.From Ghat one can go to roopkund via sutol. may be next year we will go to roopkund via this way but now we have to go and not to rest so we continued our journey . enjoy with Nandprayag`s beautiful confluence photos.
सचमुच सुंदर के साथ -साथ बड़ा खतरनाक रास्ता था. बढ़िया पोस्ट... शुभकामनायें
ReplyDeletelovely pictures
ReplyDeleteWonderful shots.
ReplyDeleteBabu kaha ho aaj kal?
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