कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना आदि शंकराचार्य ने की थी आठवी शताब्दी में । ऐसा भी कहा जाता है कि उमा देवी की मूर्ति इससे काफी पहले से यहां पर स्थापित थी । डिमरी या डिकोत ब्राहमणो के घर पर स्वप्न देकर उन्हे अपनी प्रतिमा स्थापित करने का आदेश दिया इसलिये डिमरी ब्राहमणो के घर को उमा देवी का मायका भी माना जाता है
कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना आदि शंकराचार्य ने की थी आठवी शताब्दी में । ऐसा भी कहा जाता है कि उमा देवी की मूर्ति इससे काफी पहले से यहां पर स्थापित थी ।
डिमरी या डिकोत ब्राहमणो के घर पर स्वप्न देकर उन्हे अपनी प्रतिमा स्थापित करने का आदेश दिया इसलिये डिमरी ब्राहमणो के घर को उमा देवी का मायका भी माना जाता है ।
डिमरी या डिकोत ब्राहमणो के घर पर स्वप्न देकर उन्हे अपनी प्रतिमा स्थापित करने का आदेश दिया इसलिये डिमरी ब्राहमणो के घर को उमा देवी का मायका भी माना जाता है ।
पिंडर नदी को कर्ण गंगा भी कहा जाता है
1803 में आयी भयंकर बाढ में शहर का काफी हिस्सा बह गया तो उमा देवी का मंदिर भी क्षतिग्रस्त् हुआ । आज भी इसका गर्भगृह ही मौलिक है बाकी सब बाद का बना हुआ है । वैसे इस जगह पर खडे होकर मुझे सहसा यकीन नही हुआ था कि इतनी उंचाई पर भी बाढ आ सकती है । पर एक पुल पर मैने ये लिखा देखा
मंदिर करीब 20 सीढिया उपर चढकर था । रोशनी से मंदिर को सजाया गया था । ये मंदिर मेन चौक से एवं मेन रोड से सटा हुआ है तो आराम से यहां रूककर संगम और मंदिर के दर्शन किये जा सकते हैं । और इसे बिना देखे जाना भी बेकार होगा ।
मंदिर में भीड भाड नही थी सो हमने आराम से दर्शन किये और फिर अपने होटल में गये । अपना सामान पैक किया और एक बार फिर चलने से पहले होटल की छत पर गये । यहां से कर्णप्रयाग शहर का नजारा काफी बढिया दिख्रता है । सो हमने यहां से काफी सारे फोटो लिये ।
It is said that this temple was established by adi shankracharya in the eight century. it is also said that uma devi was eastablished here long time ago before that. It is said that Uma devi come in the dreams of a Dimri Brahmain and given order to a to set her statue here. so Dimri Brahmin believed to their parent`s house.
A big flood occurred here in 1803 and many parts of the city and temple was lost. I cant believe floods at this hight and attitude but it was true. I saw it written at a bridge also.
temple was above 20 stairs .
The temple was decorated with lights.The temple and sangam is along with main road and main chowk so going without seeing it is not good . their was no crowd and we worshiped with comfort . after that we go to hotel and packed our bags.once again we go to the roof of the hotel and clicked some pictures. Karanprayag city looks better from here.
मंदिर करीब 20 सीढिया उपर चढकर था । रोशनी से मंदिर को सजाया गया था । ये मंदिर मेन चौक से एवं मेन रोड से सटा हुआ है तो आराम से यहां रूककर संगम और मंदिर के दर्शन किये जा सकते हैं । और इसे बिना देखे जाना भी बेकार होगा ।
मंदिर में भीड भाड नही थी सो हमने आराम से दर्शन किये और फिर अपने होटल में गये । अपना सामान पैक किया और एक बार फिर चलने से पहले होटल की छत पर गये । यहां से कर्णप्रयाग शहर का नजारा काफी बढिया दिख्रता है । सो हमने यहां से काफी सारे फोटो लिये ।
It is said that this temple was established by adi shankracharya in the eight century. it is also said that uma devi was eastablished here long time ago before that. It is said that Uma devi come in the dreams of a Dimri Brahmain and given order to a to set her statue here. so Dimri Brahmin believed to their parent`s house.
A big flood occurred here in 1803 and many parts of the city and temple was lost. I cant believe floods at this hight and attitude but it was true. I saw it written at a bridge also.
temple was above 20 stairs .
The temple was decorated with lights.The temple and sangam is along with main road and main chowk so going without seeing it is not good . their was no crowd and we worshiped with comfort . after that we go to hotel and packed our bags.once again we go to the roof of the hotel and clicked some pictures. Karanprayag city looks better from here.
मनु भाई अछ्छे फोटो है जाट देवता भी साथ में
ReplyDeleteराम राम जी, मन्नू भाई एक बार कौसानी से बदरीनाथ जी जाते हुए, गाड़ी में तेल खत्म हो गया था, तो हम पांच घंटे यंही पर पड़े रहे थे, वापस में आते हुए रात को रुके थे. वंही पर नीचे एक होटल में दाल और खाना बहुत बढ़िया बनती हैं...
ReplyDeleteथोड़ा सा कष्ट कर आप अगर यह भी बताते चलें कि दिल्ली से इनकी कैसी कनेक्टिविटी है तो बहुत अच्छा होगा। मुझे इस जगह पर जाने की तीव्र इच्छा हो रही है।
ReplyDeleteदिल्ली के कश्मीरी गेट बस अड़ड़े से यहाँ तक सीधी बस सेवा उपलब्ध है।
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