मणिकर्ण में राम मंदिर में आराम करने और नहाने के बाद कमरा बंद करके मै घूमने निकला तो मेरे मन में आया कि मै अकेला हूं पर अपनी मर्जी का मालि...
मणिकर्ण में राम मंदिर में आराम करने और नहाने के बाद कमरा बंद करके मै घूमने निकला तो मेरे मन में आया कि मै अकेला हूं पर अपनी मर्जी का मालिक हूं तो क्यों ना अभी दिन के समय में कसोल तक घूम कर आउं और वापिस आकर शाम को मणिकरण में घूम लूंगा । विचार इसलिये बढिया था क्योंकि अब अगर मै अपना समय कसोल को घूमने में लगाता हूं तो ठीक है नही तो कल सुबह घूमना नही हो पायेगा बस घूमते फिरते निकल जाना ही होगा ।
यही सोचकर मैने बाइक उठायी और कसोल की ओर निकल पडा । सच पूछो तो पार्वती घाटी में सुंदरतम नजारे कसोल से मणिकरण के बीच में हैं जहां कल कल करती पार्वती नदी बडे बडे पत्थरो के बीच में से बहती हुई जाती है । कई जगह तो सुंदर पुल बने हैं । उंचे उंचे वृक्षो के बीच में से बहती हुई नदी बडे तेज वेग से निकलती है और बहुत ही तेज शोर करती है । कई जगह सडक की उंचाई जो है वो नदी के बहुत करीब आ जाती है तो थोडी दूर मणिकरण में ऐसी भी जगह आती है जहां इसकी उंचाई गंगोत्री के सूर्य कुंड जितनी हो जाती है । कुछ उत्साही लोग तो बाइक को उतारकर नीचे ले जाते हैं और नदी के पानी में मस्ती करते हैं ।
यही सोचकर मैने बाइक उठायी और कसोल की ओर निकल पडा । सच पूछो तो पार्वती घाटी में सुंदरतम नजारे कसोल से मणिकरण के बीच में हैं जहां कल कल करती पार्वती नदी बडे बडे पत्थरो के बीच में से बहती हुई जाती है । कई जगह तो सुंदर पुल बने हैं । उंचे उंचे वृक्षो के बीच में से बहती हुई नदी बडे तेज वेग से निकलती है और बहुत ही तेज शोर करती है । कई जगह सडक की उंचाई जो है वो नदी के बहुत करीब आ जाती है तो थोडी दूर मणिकरण में ऐसी भी जगह आती है जहां इसकी उंचाई गंगोत्री के सूर्य कुंड जितनी हो जाती है । कुछ उत्साही लोग तो बाइक को उतारकर नीचे ले जाते हैं और नदी के पानी में मस्ती करते हैं ।
tyagi ji good evening. good going
ReplyDeleteआपकी यह प्रस्तुति कल के चर्चा मंच पर है
ReplyDeleteधन्यवाद