मसूरी के भटटा फाल और सहस्त्रधारा में नहाने के बाद हम लोग गाडी मे बैठकर वापस चल पडे । तीन दिवसीय इस यात्रा का समापन होने वाला था । पहाडो की...
मसूरी के भटटा फाल और सहस्त्रधारा में नहाने के बाद हम लोग गाडी मे बैठकर वापस चल पडे । तीन दिवसीय इस यात्रा का समापन होने वाला था । पहाडो की ठंडी ठंडी लहरो का मजा लेते लेते हम भूल ही गये थे कि हम उत्तर प्रदेश में रहते हैं जहां की आबोहवा देहरादून की पर्वत श्रंखलाओ से नीचे उतरते ही अपनी मौजूदगी का अहसास गर्म हवा के थपेडो से करवाना नही भूलती है ।
अब घर जाने का समय था पर हमारे घर से काफी नजदीक एक ऐसा स्थान है जहां पर पूरे साल के किसी भी समय आप गर्मी को भूल सकते हैं । ये स्थान है गंगनहर जो कि हरिद्धार में जाकर मिलती है पर वो मेरे घर से दस मिनट की दूरी पर है । वही शीतल जल और यहां पर एक जगह मुरादनगर के पास तो छोटा हरिद्धार के नाम से घाट भी बना दिया गया है ।
पर उस घाट पर नहाने की बजाय युवा लोगो की पूरी पसंद गर्मियो में रहती है झाल पर । जी हां झाल वो जगह को कहते हैं जहां पर गंगनहर का पानी रोक कर बिजली बनायी जाती है । ऐसी कई जगहे गंगनहर के पूरे रास्ते पर हैं । मसूरी झाल भी उनमें से एक है । ये मसूरी यानि गाजियाबाद जिले की मसूरी कस्बे जो कि नेशनल हाइवे 24 पर है और मुरादनगर के गंगनहर पुल जो कि नेशनल हाईवे 58 पर है के दस किलोमीटर के रास्ते के बीच में है ।
ये जगह गंगनहर की पटरी पर है और यहां पर बिजली बनाने के लिये गंगनहर से एक छोटी धारा को अलग से लाया गया है इसलिये मुख्य गंगनहर के 15 फीट गहराई के मुकाबले यहां केवल पांच या छह फीट पानी है और उसका बहाव भी इतना तेज नही है । पटरी के आस पास रेत ही रेत है जिसका फायदा लोग समुद्री बीच की तरह उठाते हैं । मतलब पहले स्नान फिर रेत में लोटा लाटी और फिर कूद पडो पानी में
कुछ लोग खाने का सामान लिये और कुछ किराये पर टयूब देने का काम भी करते हैं । यहां पर नहाने का कोई शुल्क नही है पर हां पानी की धारा कितनी भी कम हो पर वो बहता पानी है और पक्का नही है इसलिये सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाये तो बेहतर है । परिवार के साथ नहाने की सोचियेगा भी मत । एक या दो पुलिसवाले रहते हैं बस । मुख्य रूप से पुरूषो के लिये है । कुछ नशेबाज यानि बीयर की बोतले ठंडे पानी में पीने वाले भी रहते हैं । पर कुछ भी हो गर्मी के मौसम में शीतलता देने के लिये बढिया जगह है । कोई शुल्क नही बस आने जाने का खर्च है यहां तक ।
दिल्ली एनसीआर के लोग काफी आराम से धावा मार सकते हैं ।
Badiya jagah hai.. photo dekh kar panee main kudne ka man karta hai, par January mai thund se kampkampi bhee choot rahi hai...
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