सडक पर ट्राम दक्षिणेश्वर काली मंदिर भारत में प्रसिद्ध तीर्थो में स्थान रखता है । ये धार्मिकता के अलावा ऐतिहासिक भी है । मंदिर हुगली नदी ...
सडक पर ट्राम |
दक्षिणेश्वर काली मंदिर भारत में प्रसिद्ध तीर्थो में स्थान रखता है । ये धार्मिकता के अलावा ऐतिहासिक भी है । मंदिर हुगली नदी के पूर्वी तट पर स्थित है । यहां पर देवी काली के अलावा शिव व अन्य देवी देवताओ के भी मंदिर हैं इन्ही मंदिरो के समूह को दक्षिणेश्वर मंदिर कहा जाता है । रामकृष्ण परमहंस जिन्हे दुनिया महाना संत के रूप में जानती है वे यहीं पर रहते थे साधना करते थे ।
इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि जान बाजार की महारानी रासमणि ने सपना देखा था कि मां काली का भव्य मंदिर यहां पर बनाया जाये । इसी के अनुसार 1855 में 25 एकड में इस मंदिर का निर्माण पूरा हुआ । माता के मंदिर के चारो ओर भगवान शिव के बारह मंदिर व उनके गुम्बद है जिससे इस मंदिर के स्थापत्य कला को चार चांद लगते हैं । मंदिर बहुत उंचे चबूतरे पर बना हुआ है और कोलकाता में हुगली के रूप में जानी जाने वाली गंगा नदी के किनारे बना हुआ है । कहते हैं उस जमाने में नौ लाख रूपये की लागत लगी थी इस मंदिर के बनने में
मंदिर सुबह साढे पांच से रात दस बजे तक खुला रहता है । रामकृष्ण परमहंस भी इसी मंदिर में पुजारी थे । वे यहां पर तपस्या भी करते थे और भक्तो से भी मिलते थे । वे इस मंदिर में तीस साल तक पुजारी रहे । यहीं पर वे रामकृष्ण से परमहंस बने । इसी समय में उनको एक साधारण युवक मिला जो बाद मे दुनिया में विवेकानन्द के नाम से जाना गया । रामकृष्ण परमहंस ने गुरू के रूप में विवेकानन्द के जीवन को एक नयी दिशा दी
मुख्य मंदिर दूर से ही दिखायी देता है क्योंकि इसका शिख्रर करीब सौ फुट उंचा है । मंदिर परिसर में मौजूद अन्य गुम्बदो में सबसे उंचे शिखर को देखते ही अंदाजा हो जाता है कि यही मुख्य मंदिर है । मुख्य मंदिर के गर्भगृह मे मां काली की मूर्ति है जो कि भगवान शिव की छाती पर पैर रखकर खडी हुई है ।
कोलकाता में आज दूसरा दिन शुरू हो गया था हमारा । हमने जो होटल लिया था उसने हमारा खून चूस लिया था रात भर में । असल में जब कल हमने कमरा देखा तो हमने इतना गौर नही किया । कमरा बहुत ज्यादा बडा नही था और हमें यहां की गर्मी का अंदाजा नही था । हमें तो यहां के इलाके का भी अंदाजा नही था । कमरे की कम उंचाई थी इसलिये गर्मी और भी ज्यादा लग रही थी । रात भर में शरीर में दाने हो गये । सुबह उठकर मेडिकल स्टोर पर गया तो उन्होने बताया कि यहां पर ये आम बात है और उसने एक पाउडर दिया जिससे कुछ आराम मिला ।
कल वाला टैक्सी ड्राइवर अपने टाइम पर आ गया था । वैसे तो हमें यहां पर बारह बजे तक ही रहना था पर अब समय ऐसा हो गया था कि हमे सारा दिन टैक्सी में घूमना था और वापस होटल में आना मुश्किल होता इसलिये हमने अपना सारा सामान टैक्सी की डिग्गी में रखा क्योंकि उसे शाम को हमें रेलवे स्टेशन पर छोडना था ।
होटल के बाहर ही ट्राम जा रही थी । मन हुआ कि चढा जाये पर फिर नही चढा पर काफी ट्राम गुजरी तो उन्हे देखता रहा । गाडी में बैठकर यहां का हाथरिक्शा भी देखने को मिला । यहां आज भी ये चलन में है वैसे तो हम इसे बुरा क्या कहें और जगहो पर भी रिक्शा चलते हैं तो उनमें भी तो आदमी ही आदमी को ढोता है । इनमें थोडा अंतर ये है कि इसमें वजन सारा का सारा ढोने वाले पर ही होता है मंदिर के बाहर पार्किंग में गाडी खडी करके हम मंदिर प्रांगण में पहुंचे । मंदिर परिसर के बाहर सुंदर मूर्ति लगी है । मंदिर परिसर में एक और अच्छी बात लगी कि यहां पर बाकायदा एक मार्किट बनायी गयी है प्रसाद के लिये जिसमें चालीस पचास दुकाने हैं । ये मंदिर के रास्ते में नही पडती और ना ही लोगो को परेशान करते हैं । प्रसाद के रूप में लडडू और माला लेकर हम मंदिर के अंदर गये । मंदिर के अंदर हमने केवल मुख्य मंदिर ही देखा ।
आज सुबह के अखबार में ही खबर थी कि अब तक बंगाल में गर्मी में 137 मर चुके थे । हम कहां गलत मौसम में आ फंसे थे । आज के ही अखबार में दूसरी खबर थी कि बिना एसी के राइटर बिल्डिंग के कुछ कर्मचारियो ने हडताल कर दी थी । तीसरी खबर थी ट्राम के बारे में । इसमें बताया गया था कि 1873 में और दोबारा 1880 में अंग्रेजो ने इसे चलाया । इसमें दो बोगी होती हैं एक फस्ट क्लास और दूसरी सैकेंड क्लास । पहली में पंखे होते हैं दूसरी में नही । किराया भी 50 पैसे ज्यादा है । अब खबर ये थी कि दोनो बोगी का किराया बराबर होगा और दूसरी बोगी में भी पंखे लगेंगें
NORTH EAST TOUR-
मुख्य मंदिर देखने के बाद अब बारी थी बेलूर मठ जाने की
इस कमरे में हम गर्मी में मर गये |
ये आज भी चलन में है |
दूर से |
बाहर से |
वाटिका |
मुख्य मंदिर |
हावडा ब्रिज |
काली मंदिर का विश्व को अद्भुत योगदान है।
ReplyDeleteEven I visited recently and was planning to put my pics!
ReplyDeleteThe famous Ghanti song from Gunday movie has been shot here...
Yahan Jane ka man hai..... Achchi jankari aur sunder chitra
ReplyDeleteसुन्दर पिक्चर है भाई और यात्रा कि लिया जगह भी बढ़ाया है और ये सब भी चलता है जैसे यात्रा में ट्रबलशूटिंग तो करने पड़ते है
ReplyDeleteKolkata jane rheme khane ghumne ka cost batay
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