हिंदू धर्म में चार धाम का काफी महत्व माना जाता है । ये चार धाम हैं , 1— श्री बद्रीनाथ, उत्तराखंड ,2— द्धारक...
हिंदू धर्म में चार धाम का काफी महत्व माना जाता है । ये चार धाम हैं ,
1—श्री बद्रीनाथ, उत्तराखंड ,2— द्धारकाधीश मंदिर द्धारका , गुजरात 3 —रामेश्वरम , तमिलनाडु
4 — श्री जगन्नाथ जी , पुरी , उडीसा
हिंदू धर्म की रक्षा और प्रचार प्रसार के लिये जो काम आदि गुरू शंकराचार्य ने किया वैसा किसी ने भी नही । उन्होने पूरे धर्म के लोगो को एक सूत्र में जोडने के लिये देश भर में यात्राऐं की । उन्होने देश के चारो कोनो पर मौजूद चार प्रमुख मंदिरो को हिंदुओ के धाम का नाम दिया । यही नही उन्होने इन मंदिरो के माध्यम से हिंदुओ में व्याप्त जाति व्यवस्था को भी तोडने का कार्य किया । जहां बद्रीनाथ मंदिर मे केरल के नंबूदरी ब्राहणो को पूजा का जिम्मा दिया गया तो वहीं रामेश्वरम में रावल के रूप में गढवाली ब्राहमणो को नियुक्त किया ।
फिर भी अफसोस है कि हिंदू एक ना हो सके वे आज भी तमिल , द्रविड , बिहारी , बंगाली , यूपी और उसके बाद जातियो जैसे राजपूत , ब्राहमण , ठाकुर , बनिये , दलित आदि रूपो में बंटकर कांग्रेस पार्टी की चाल में आ गये जिसने इस देश को विभाजन की ओर धकेलने में कसर नही छोडी
1—श्री बद्रीनाथ, उत्तराखंड — उत्तराखंड राज्य में अलकनंदा नदी के किनारे विष्णु भगवान के रूप को समर्पित यह मंदिर हिंदुओ के चार मुख्य धाम में से एक है । यहां पर नर और नारायण विग्रह को पूजा जाता है । मंदिर के बराबस से बर्फ जैसा ठंडा पानी बहता है तो उसी के किनारे पर तप्त कुंड में गर्म खौलता पानी है जिसमें चावल डालो तो पककर बाहर आ जाते हैं । 3000 मीटर की उंचाई पर स्थित इस मंदिर तक पहुंचने के लिये काफी दुर्गम पहाडो का सफर तय करना होता है । इस मंदिर को पंच बद्री में से एक भी माना जाता है ।
जय बद्रीविशाल के नाम से विख्यात इस धाम के पास अन्य काफी जगहें भी हैं जो इसे धार्मिक पर्यटन के अतिरिक्त सामान्य पर्यटको के भी अनुकूल बनाती हैं । जैसे ब्रहम कपाल नाम का चबूतरा , भारत की सीमा पर बसा अंतिम गांव माणा , वेद व्यास गुफा , गणेश गुफा ,भीमपुल , सरस्वती नदी ,
कैसे जायें (How to go badrinath ) —बद्रीनाथ जाने के लिये सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जौलीग्रांट , देहरादून है (nearest airport for badrinath is jollygrant , dehradun )। यह बद्रीनाथ से 317 किलोमीटर की दूरी पर है ।(jollygrant airport to badrinath distence is 317 Km.) नजदीकी रेलवे स्टेशन रिषीकेश और कोटद्धार हैं ।( Nearest railway station for badrinath is Rishikesh and kotdwar ) रिषीकेश से बद्रीनाथ की दूरी 297 किमी0 और कोटद्धार से 327 किमी0 है ।(risikesh to badrinath distence is 297 Km. and Kotdwar to badrinath distence is 327 Km. ) दिल्ली से भी बद्रीनाथ की बसे मिलती हैं । हरिद्धार और रिषीकेश से बद्रीनाथ के लिये लगातार बसे और टैक्सी उपलब्ध हैं ।
द्धारका -
भारत के पश्चिम दिशा में स्थापित ये तीर्थ भगवान श्रीकृष्ण की निवास स्थली के रूप में जाना जाता है । कृष्ण जी ने अपना निवास यहीं पर बनाया और अपने अंतिम समय तक यहीं पर रहे । कहा जाता है कि उनके समय में ये नगरी सोने की थी । श्रीकृष्ण के राज के समय के चिन्ह यहां पर बिखरे पडे हैं चाहे फिर वो गोपी तालाब हो या बेंट द्धारका । भगवान शिव के दो ज्योर्तिलिंग नागेश्वर महादेव और सोमनाथ दोनो ही इस जगह के आसपास हैं ये जगह सात पुरियो में से भी एक मानी जाती है ।
कैसे पहुंचे — द्धारका तक रेलवे लाइन भी आती है । द्धारका हवाई जहाज से जाने के लिये जामनगर सबसे नजदीकी हवाई अडडा है जो कि द्धारका से 137 किमी0 की दूरी पर है । ( jamnagar is nearest airport for dwarka which is 137 km from dwarka ) यहां से द्धारका के लिये बसे और टैक्सी आराम से मिल जाती हैं ।
द्धारका के लिये अहमदाबाद से भी आ सकते हैं । अहमदाबाद से द्धारका की दूरी 450 किलोमीटर है ।( ahamdabad to dwarka is 450 Km ) अहमदाबाद से दुनिया के अधिकतर शहरो के लिये फलाइट है जबकि भारत के हर कोने से ट्रेन की सुविधा है । यहां से द्धारका के लिये कनेक्टिंग ट्रेन भी ले सकते हैं या फिर बस या टैक्सी से जा सकते हैं । सडके अच्छी होने के कारण ये 6 से 7 घंटे का सफर होगा जो कि ज्यादा तकलीफदेह नही है ।
श्री जगन्नाथ जी , पुरी , उडीसा — भगवान श्री जगन्नाथ जी के स्वरूप में यह मंदिर भी चार धाम में से एक है और भगवान श्रीकृष्ण जी के ही स्वरूप का प्रतिनिधित्व करता है । जगन्नाथ पुरी भी सात पुरियो में से एक है । यहां पर भगवान जगन्नाथ के अतिरिक्त उनके बडे भाई बलभद्र और देवी सुभद्रा की पूजा होती है ।
इन तीनो देवो को रथ पर बिठाकर भक्तो के द्धारा रथो को खींचा जाता है जिसे वार्षिक रथयात्रा के रूप में जाना जाता है और ये रथयात्रा पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है । इसे देखने के लिये दुनिया भर से लोग आते हैं । यह मंदिर भी समुद्र के किनारे पर ही स्थित है ।
कैसे पहुंचे —पुरी पहुंचने के लिये हवाई मार्ग से सबसे नजदीकी हवाई अडडा भुवनेश्वर है ।(nearest airport is Bhubneshwar for Puri ) 60 किलोमीटर का ये रास्ता भुवनेश्वर से पुरी तक डेढ घंटे में बस या टैक्सी से किया जा सकता है ।( Bhubneshwar is 60 Km distence from puri ) रेलवे स्टेशन पुरी में ही है पर कुछ बडी ट्रेन पुरी तक नही आती वे भुवनेश्वर तक ही आती हैं ।
यहां आसपास में देखने के लिये चिलका झील , कोणार्क एवं भुवनेश्वर में देखने लायक इतने स्थान हैं कि आपका मन नही भरेगा आप यहां पर इन स्थानो के बारे में विस्तृत रूप से पढ सकते हैं
रामेश्वरम---
तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर हिंदू धर्म के चार धामो में से एक है और यहां पर स्थित शिवलिंग के बारे में धारणा है कि इसी जगह भगवान राम ने लंका विजय पर जाने से पहले अपने हाथ से रेत का शिवलिंग बनाया था । इस शिवलिंग को 12 ज्योर्तिलिंगो में से एक माना जाता है ।
हिंद महासागर और बंगाल की खाडी से घिरे इस स्थान से श्रीलंका की दूरी सबसे कम मानी जाती है और श्रीराम के द्धारा बनाये गये पुल की उपग्रह तक से दिखने की प्रमाणिकता इस विश्वास को और सुदृढ करती है ।
रामेश्वरम पहुंचने के लिये नजदीकी एयरपोर्ट मदुरै है । (nearest airport for rameshwaram is madurai and chennai ) जो कि करीब 150 किलोमीटर की दूरी पर है रामेश्वरम से ।( madurai is 150 Km distence from rameshwaram ) यहां से रामेश्वरम के लिये बहुत सारी बसे और टैक्सी उपलब्ध हैं । आप चेन्नई से भी आ सकते हो । चेन्नई एयरपोर्ट पर सभी जगहो से उडान की सुविधा है ।
चेन्नई से रामेश्वरम के लिये ट्रेन से दूरी 550 किमी0 के लगभग जबकि रोड से 431 किमी0 है ।( Chennai to rameshwaram distence is 550 Km. by train and 431 by road ) ये सफर रात मे भी आराम से किया जा सकता है वोल्वो बस या टैक्सी से
रामेश्वरम जाने के दौरान चेन्नई जाने का फायदा ये है कि चेन्नई में कनेक्टिंग फलाइट या ट्रेन के बीच के समय में आप यहां के कुछ दर्शनीय स्थल देख सकते हैं
Rameshwaram to main jaa chuki hun, abhi baaki teen dham baaki hai :)
ReplyDeleteभाई चारो धाम हो आये.क्या बात है
ReplyDeleteआपकी दि गई जानकारी बहुत मान्य है
भाई चारो धाम हो आये.क्या बात है
ReplyDeleteआपकी दि गई जानकारी बहुत मान्य है
Great article. Thanks for sharing the valuable information.Chardham yatra 2018.
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