our hotel near ajanta caves औरंगाबाद शहर अपने इतिहास के लिये प्रसिद्ध है । अजंता व एलोरा की गुफाऐं औरंगाबाद के समीप हैं । यही नही प्रस...
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औरंगाबाद शहर अपने इतिहास के लिये प्रसिद्ध है । अजंता व एलोरा की गुफाऐं औरंगाबाद के समीप हैं । यही नही प्रसिद्ध 12 शिव ज्योर्तिलिंगो में से एक घृश्णेश्वर महादेव भी यहीं पर है ।
अभी बात करते हैं अजंता की गुफाओ की । अजंता में पहाडो को काटकर बनायी गयी 29 गुफाऐं हैं । इनमें से 5 प्रेयर हाल यानि प्रार्थना भवन और 24 बौद्ध मठ हैं । ये गुफाऐं सहयाद्रि की पहाडियो में स्थित हैं । एक आर्मी अफसर जान स्मिथ ने 1819 में इन गुफाओ की खोज की थी ।
अजंता की गुफाऐं एक के बाद एक लगातार हैं और ये घोडे की नाल के आकार लिये हुए हैं । इन गुफाओ में बौद्ध धर्म के कई कालो का चित्रण है । इन गुफाओ में सुंदर चित्रकारी एवं मूर्तिकारी की गयी है जिसमें अप्सराओ के चित्र भी शामिल हैं ।
औरंगाबाद से अजंता 100 किलोमीटर के करीब है । यहां पर आते समय रास्ते में सूखी पहाडियां ही दिखाई दे रही थी । हमें यहां पर आते आते शाम हो चुकी थी और गुफाओ के सरकारी द्धार पर हमें बताया गया कि आप अपनी गाडी को बाहर छोड दो और अंदर सरकारी गाडी मिलेगी जो आपको गुफाओ के पास तक छोड देगी । गुफा तक चलने वाली बसे जापान सरकार की हैं ।
लेकिन अभी तो बंद होने का समय हो चुका है इसलिये आप यहीं कहीं आस पास में रूक जाओ । वैसे इतना महत्वपूर्ण स्थल होने के बावजूद यहां पर गेट के पास एक भी होटल नही था । हांलांकि कई होटलो के बोर्ड जरूर लगे थे । हम थोडी दूर चले तो चार पांच किलोमीटर चलने के बाद एक होटल आया जो कि पांच छह कमरो का था । सही मायने में ये होटल एक ढाबे वाले ने बना रखा था । हमने यहीं पर रूकने की बात की और तीन कमरे ले लिये । हमारे अलावा यहां पर कोई और नही था इस बात से थोडा डर भी लग रहा था क्योंकि इलाका वीरान सा था ।
रात को खाना खाने के लिये और अगले दिन सुबह नाश्ते के लिये कहीं और जाने का सवाल ही नही था । अपने होटल वाले के ढाबे पर ही खाना खाया और करीब नौ बजे हम दोबारा गुफाओ के गेट पर पहुंचे । यहां पर हमने टिकट लिया और सरकारी बस का इंतजार करने लगे । थोडी देर में बस आयी और उसने करीब आधा किलोमीटर की दूरी पर ले जाकर हमें उतार दिया । यहां पर कैंटीन भी थी । यहां से हमने पानी की बोतल वगैरा ली और पैदल थोडा सा उपर चढकर पहुंच गये गुफाओ के पास । चूंकि हम गर्मी के मौसम में थे इसलिये यहां पर हमें पहाडिया रूखी सूखी लग रही थी वरना यहां पर झरना भी गिरता है बरसात के सीजन में
बुद्ध भगवान के अवतरण से लेकर उनके समस्त जीवन चरित्र का चित्रित कर दिया गया है इन गुफाओ में । शील , समाधि और प्रज्ञा के उनके सारे आसन और प्राणायाम की मुद्राओ के चित्र यहां पर हैं ।
कोई बता रहा था कि ये चित्र सब्जियो को इस्तेमाल करके भी बनाये गये हैं । तैलीय चित्रो की तरह इन चित्रो में पेंट तो नही था पर आज हजारो साल बाद भी इन चित्रो की चमक फीकी और कहीं कहीें से धूमिल हो गयी है पर नष्ट नही । जो हुई है वो भी हमारी वजह से । पहले इन चित्रो को जब तक संरक्षित नही किया गया था तब तक लोग अपनी मनमर्जी कर लेते होंगें पर जब हम गये तो हर हाल में बिलकुल अंधेरा था और उसमें विशेष लाइटो द्धारा चित्रो पर मध्यम रोशनी डाली गयी थी । किसी को भी इन चित्रो को खींचने के लिये फलैश इस्तेमाल करने की इजाजत नही है इसका ध्यान रखने के लिये अब तो कई कई आदमी वहां पर खडे रहते हैं । अगर कोई खींच ले तो उसका फोन या कैमरा छीन कर थोडी देर के लिये उसे परेशान भी कर देते हैं । पर हमारे लोग इतने समझदार कहा कि लिखित चेतावनी पढें । यही नही बहुत से लोगो को तो कैमरा या फोन में ये भी ज्ञान नही कि फलैश बंद कैसे होगी ? उनकी क्या गलती है ।
अजन्ता की गुफाओ को बाहर से देखने पर इतना अलग सा महसूस नही होता जितना अंदर जाने पर महसूस होता है कि कितने बडे विशाल पहाडो को अंदर से खोखला किया गया है । इतने बडे पहाडो को ऐसे ही तो नही काट दिया गया होगा । अपार मानव श्रम लगा होगा तब कहीं जाकर ये अदभुत संरचना अस्तित्व में आयी होगी ।
एक के बाद एक गुफाऐं , बायीं ओर एक नदी से के अवशेष जैसे या तो हो सकता है यहां पर पहले नदी बहती हो जो अब लुप्त हो गयी हो या फिर बरसाती नदी के निशान हो और दांयी ओर एक के बाद एक गुफाऐं । अजंता में गुफाऐं बिलकुल मिली हुई हैं इसलिये उन्हे देखने में ज्यादा श्रम नही करना पडता है । उंचे उंचे गोल आकार के पच्चीस से तीस फीट उंचे पत्थरो में से बनायी गई पहली गुफा में बुद्ध भगवान की प्रतिमा को देखकर मन यहीं पर रमने को करता है तो एक गुफा ऐसी भी आती है जिसकी छत नही है पर ये बहुत विशाल है और इसमें महाभारत के दृश्यो को पिरोया गया है ।
अन्य कई गुफाओ में रामायण को भी चित्रित किया गया है ।
यहां सोमवार का अवकाश रहता है । ये गुफाऐं यूनेस्को द्धारा संरक्षित स्मारक हैं
NORTH INDIA YATRA-
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Ajanta caves , aurangabad , maharashtra , अजंता गुफाऐं , औरंगाबाद , महाराष्ट्र |
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In the torch light things must be looking so romantic
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