होटल का किचन दामन में हमने बाइक रोकी चाय पीने के लिये । यहां पर जो दुकान थी उसकी मालकिन ने हमें नाश्ते में जो खाने के लिये दिया वो आपके...
होटल का किचन |
दामन में हमने बाइक रोकी चाय पीने के लिये । यहां पर जो दुकान थी उसकी मालकिन ने हमें नाश्ते में जो खाने के लिये दिया वो आपके सामने फोटो में है । मै डायरी नही लिखता इसलिये नाम अब याद नही । इसे चटनी के साथ खाया और इतना पसंद आया कि पूछो मत । दो तीन बार हमने लिया और पेट इसी से भर गया उसके बाद पूरा दिन खाना नही खाया । हमने फोटो खिंचाने के लिये आग्रह किया तो उन्होने मना नही किया । उसका पति भी वहीं पर था और बातो ही बातो में हमें पता चला कि दोनो ने लव मैरिज की थी । लडकी के घरवाले मान नही रहे थे तो वो इन्हे भगा लाया अब यहां दामन बाजार के मेन चौक पर दोनो अपने अलग अलग होटल चलाते हैं । पीछे कमरे भी बने हुए हैं रूकने के लिये ।
यहां से जाने का मन नही था पर हमें बहुत लम्बा सफर करना था और दामन से थोडा सा आगे चलते ही सिमभंजया नाम की जगह आई जो शायद इस हाईवे का सबसे उंचा प्वाइंट था 2488 मीटर । उसके बाद उतराई शुरू हो गयी । आज पूरा दिन हम 300 किलोमीटर चले जिसमें से करीब 100 किलोमीटर का पहाडी रास्ता था । आज 1330 किलोमीटर से 1630 किलोमीटर तक बाइक चली । सुबह सवेरे 1000 रूपये का पैट्रोल भरवाया था काठमांडू से । दामन में नाश्ते के 140 रूपये हुए दोनो के । बीच में बस एक पानी की बोतल ली
हैटोडा में आते आते गर्मी लगने लगी थी और दामन का पूरा मजा निकल गया था । उसके बाद तो हम बस चलते रहे और जनकपुर तक शाम 6 बजे पहुचं गये । यहां मै आपको एक बात और बता दूं कि हम जनकपुर नही जा रहे थे बल्कि यहां से हमें भारत होकर भूटान जाने का कार्यक्रम था लेकिन मेरे साथी के घर में दुखद हादसा हो जाने के कारण हमने इसे नेपाल तक ही रखने का फैसला किया ओर सबसे नजदीकी बार्डर जनकपुर की ओर मुड गये । जनकपुर से करीब सौ किलोमीटर पहले ही फोन आया था मेरे साथी को घर से ।
जनकपुर में कमरे बहुत महंगे थे । फिर भी हमने एक साढे पांच सौ का कमरा ले लिया । यहां जनकपुर में उस समय भारत के दिल्ली से भी ज्यादा गर्मी थी और मच्छर तो इतने कि होटल में हर चारपाई पर चार डंडे लगाकर मच्छरदानी लगायी हुई थी । साथी के घर में हादसा हो जाने की वजह से उसने यहां पर हवाई जहाज का टिकट बुक कराया काठमांडू से और फिर बस का टिकट बुक कराया वापिस काठमांडु के लिये । यहा पर रात भर बस सर्विस चलती है काठमांडु के लिये । हम घर से 1300 किलोमीटर के लगभग दूर थे और वो चाहता था कि जल्दी से जल्दी घर पहुंच जाये । एक बार काठमांडू पहुंचने के बाद उसे मुश्किल से दो घंटे भी नही लगते । मैने भारी मन से उसे रात की बस में बिठाया और वापस होटल में आ गया । इस बीच मै जनकपुर की पहचान सीता जी का मंदिर भी देखता आया पर कोई फोटो वगैरा नही लिये ।
भारत का बार्डर यहां से करीब 30 किलोमीटर दूर था और मैन सुबह 4 बजे उठना तय किया ताकि मै ज्यादा से ज्यादा सफर तय कर सकूं ।
Awesome landscapes
ReplyDeleteVery nice post, pics and info!
ReplyDeleteवाह मजेदार यात्रा लेख.....
ReplyDeleteवाह मजेदार यात्रा लेख.....
ReplyDeleteबढ़िया यात्रा रहीं आपकी
ReplyDelete