यहाँ काठमांडू मेँ काठमांडू दरबार स्क्वायर भी ऐतिहासिक इमारत की श्रेणी मेँ आता है । यह देशी विदेशी सैलानियोँ के लिए मुख्य आकर्षण का ...
पहले मल राजाओं का निवास स्थान रही यह जगह जब पृथ्वी नारायण शाह नाम के राजा का निवास स्थान भी बनी । आजकल नेपाल का राजवंश सिटी पैलेस मेँ रहता है तो भी लोगोँ के लिए इस जगह की वही अहमियत है । । नेपाल मेँ राजतंत्र आने के बाद इस जगह को आम लोगोँ के लिए खोल दिया गया था इसी दरबार स्क्वायर मेँ हनुमान ढोका नाम की एक जगह है जो कि बहुत ही प्रसिद्ध है । सोलहवीँ सदी मेँ राजाओं ने जब इस जगह को बनवाया तो हर मंदिर के बाहर हनुमान जी की मूर्ति भी दरवाजोँ पर बनवा दी । यहाँ की मुख्य पहचान यहाँ का काष्ठ मंडप जिसके बारे मेँ कहा जाता है कि इस का निर्माण एक ही वृक्ष की लकडी से हुआ था और इसमेँ एक भी कील का इस्तेमाल नहीँ हुआ था ।
इसके अलावा काठमांडू दरबार स्क्वायर मेँ एक मंदिर ऐसा भी है जोकि हिंदू और जैन दोनो धर्म के मानने वालोँ के लिए है और ये तीन मंजिला है । दूसरा मंदिर जो की मुख्य है वह जगन्नाथ मंदिर जो कि पहले भगवान विष्णु को समर्पित था और बाद मेँ भगवान जगन्नाथ की को समर्पित किया गया । इस मंदिर का शिल्प वास्तव मेँ अदभुत है । यहाँ पर एक मंदिर शिव पार्वती मंदिर के नाम से भी है और यह भी यहाँ का प्रसिद्ध मंदिर है। इसके अलावा यहाँ पर कुमारी महल भी है जहाँ पर जीवित कुमारी रहती है । यह एक मठ की तरह है । एक लड़की को जीवित देवी माना जाता है और वह वह वहाँ तब तक रहती है जब तक की वह अपनी एक कुमारी अवस्था को खत्म कर सामान्य जीवन मेँ नहीँ लौट जाती। नेपाल में राजशाही के दौरान राजा बनने की शपथ से लेकर हर अति महत्वपूर्ण काम बिना कुमारी देवी के आर्शीवाद के नही होते थे ।
हम भी कुंवारी देवी के दर्शन के लिए इस महल मेँ चले आए । यहाँ आकर पता चला कि देवी बहुत अलग अलग समय पर दर्शन देती है । अभी जो उनके दर्शन का समय था उसमेँ आधा घंटा था एक बार को तो मन हुआ कि छोड़ो लेकिन उसके बाद मैँ फिर भी खड़ा रहा थोड़ी देर बाद और लोग भी आने लगे और 20 मिनट बाद तो वहाँ पर काफी भीड़ हो गई। हमारे सामने ही एक खिड़की लगी हुई थी जिसमेँ बताया गया था कि यहाँ से देवी दर्शन देंगी । करीब 20 मिनट बाद देवी ने दर्शन दिए । देवी ने किसी भी भक्त की तरफ देखा तक नहीँ सामने देखती रही । भक्तो ने उनको प्रणाम किया किसी को भी ज्यादा जोर से बोलने और फोटो खींचने की मनाही थी अगर कोई फोटो खींचता तो उसको बहुत बड़ा जुर्माना देना पड़ता । एक मिनट बाद ही देवी वापस अंदर चली गई ।
Nepal yatra -
लोकल लोगो के लिये ये बाजार जैसा है |
सामने मंदिर है और राजा उनको प्रणाम कर रहे हैं |
यही है कुमारी घर |
सामने वाली ख्िडकी से दर्शन देती हैं कुमारी देवी |
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